श्रावणी मेला को लेकर सजधज कर तैयार बाबा नगरी, हाईटेक और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा आयोजन

Shravani Mela 2025: देवघर में लगने वाला श्रावणी मेला इस बार खास होने वाला है. मेला में श्रद्धालुओं को तकनीक और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिलेगा. बाबा मंदिर से लेकर मेला क्षेत्र तक की सुरक्षा एआई व ड्रोन कैमरे से की जायेगी. इसके अलावा तीन तरह की जलार्पण की व्यवस्था भी की गयी है.

By Rupali Das | July 8, 2025 1:26 PM
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Shravani Mela 2025 | देवघर, संजीव मिश्रा: श्रावणी मेले के लिए बाबा नगरी पूरी तरह हाइटेक और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो चुकी है. बाबा मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन ने कांवरियों के लिए ऐसी व्यवस्था की है, जिसमें भक्ति के साथ तकनीक का भी मेल होगा. मंदिर परिसर से लेकर शिवगंगा और कांवरिया पथ तक सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा और दर्शन व्यवस्था को डिजिटल निगरानी और एआई आधारित तकनीकों से जोड़ा गया है.

दुम्मा में पहली बार लाइव दर्शन की सुविधा

वहीं, पहली बार दुम्मा में आध्यात्मिक भवन से बाबा मंदिर, शिवगंगा और जलार्पण का लाइव प्रसारण भी दिखाया जायेगा. इससे भक्त मंदिर पहुंचने से पहले ही दर्शन का लाभ ले सकेंगे. दुम्मा के पास आध्यात्मिक भवन में स्क्रीन पर मंदिर परिसर, जलार्पण पंक्ति, शिवगंगा व सुरक्षा व्यवस्था का सीधा प्रसारण किया जायेगा.

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136 कैमरों से होगी मंदिर की निगरानी

वहीं, जलार्पण के लिए आम कतार, कूपन प्रणाली और बाह्य अरघा जैसी तीन स्तर की व्यवस्थाएं की गयी है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 780 सीसीटीवी कैमरे और 200 एआई युक्त निगरानी कैमरे लगाये गये हैं. मंदिर में 136 हाइटेक कैमरे श्रद्धालुओं की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे.

अरघा से करेंगे जलार्पण

इधर, कांवरियों के स्वागत में बाबा मंदिर सजधज कर पूरी तरह तैयार है. 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बार जलार्पण व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित और सरल बनाया गया है. गुरुवार को मंदिर में अरघा से जलार्पण व्यवस्था का ट्रायल किया जायेगा, जबकि शुक्रवार को सरदारी पूजा के साथ मेला का विधिवत शुभारंभ होगा. इसके बाद पूरे श्रावण मास कांवरिये अरघा से ही जलार्पण करेंगे.

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जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी

मालूम हो कि सावन में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इस बार का श्रावणी मेला पूरी तरह से हाईटेक और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रहेगा. बाबा मंदिर प्रबंधन समिति एवं जिला प्रशासन ने यह तय कर लिया है कि बाबा नगरी देवघर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को इस बार न सिर्फ सुविधा मिलेगी. बल्कि तकनीक के जरिये श्रद्धा का नया अनुभव भी मिलेगा. श्रावणी मेले के दौरान सुरक्षा, स्वास्थ्य, भीड़ प्रबंधन व जलार्पण की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने बड़े स्तर पर तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी है.

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मंदिर में 24 घंटे मिलेगी स्वास्थ्य सेवा

श्रावणी मेले के दौरान बाबा मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र 24 घंटे संचालित रहेगा. यहां तीन शिफ्ट में डॉक्टर, नर्स एवं पारा मेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की गयी है. सुविधा केंद्र में दो बेड वाला इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है, जिसमें प्राथमिक उपचार, आवश्यक दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर सहित सभी जरूरी सुविधा मौजूद रहेगी.

इसके साथ ही आपात स्थिति में मरीज को रेफर करने के लिए दो एंबुलेंस भी 24 घंटे तैनात रहेंगे. श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधा केंद्र नाथबाड़ी स्थित सुविधा केंद्र को उच्च स्तर पर विकसित किया गया है. यहां रजिस्ट्रेशन, कूपन स्कैनिंग, प्राथमिक उपचार, विश्राम और जलपान की व्यवस्था की गयी है. सुरक्षा व्यवस्था के तहत यहां महिला व पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग चेकिंग व्यवस्था है.

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मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

बाबा मंदिर से शिवगंगा तक सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल, होमगार्ड, रैपिड एक्शन फोर्स और ट्रैफिक कंट्रोल टीम की तैनाती की गयी है. सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे व मोबाइल पेट्रोलिंग के जरिये मेले पर निगरानी रखी जायेगी. महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष महिला पुलिस टीम लगायी गयी है. साथ ही, मेला क्षेत्र में हेल्प डेस्क एवं खोया-पाया केंद्र भी सक्रिय रहेगा.

कंट्रोल रूम से होगी मॉनिटरिंग

श्रावणी मेला में तकनीक की मदद से सूचना आदान-प्रदान की प्रक्रिया को भी अपग्रेड किया गया है. इस बार मेला क्षेत्र में 15 सूचना केंद्र पूरी तरह से इंटीग्रेटेड होंगे. बाबा मंदिर, नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स, शिवगंगा समेत सभी प्रमुख स्थानों पर सूचना केंद्र से जुड़ी जानकारी एकीकृत रूप से नियंत्रित की जायेगी.

इन सूचना केंद्र के क्षेत्रों में आईएमसीआर से भी सूचना प्रसारण किया जा सकेगा. यानी यहां से पूरे मेला क्षेत्र के मुख्य सूचना केंद्र पर सीधे सूचना प्रसारण की व्यवस्था होगी. नेहरू पार्क में बने आईएमसीआर (इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल रूम) से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. कैमरे के माध्यम से हर स्थान की लाइव स्थिति देखी जा सकेगी.

बाबा मंदिर परिसर में दो अलग-अलग कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. एक में दंडाधिकारी लगातार निगरानी करेंगे, जबकि दूसरा कंट्रोल रूम डीसी के चैंबर में संचालित रहेगा, जहां से उच्चाधिकारी सीधे मेला की स्थिति पर नजर रख सकेंगे.

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दो दिन बंद रहेंगे कूपन काउंटर

श्रावणी मेले के दौरान अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. रविवार और सोमवार को बाबा मंदिर में कूपन काउंटर पूरी तरह से बंद रहेंगे. इन दिनों आने वाले कांवरियों को आम कतार से जलार्पण करना होगा या फिर वे बाह्य अरघा से जलार्पण कर सकते हैं. साथ ही, पूरे मेला अवधि में किसी भी प्रकार के वीआईपी दर्शन या आउट ऑफ टर्न पूजा पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

मंदिर के पट बंद करने के समय पर विशेष ध्यान

हर साल बाबा मंदिर के पट देर रात तक खुले रहने और श्रृंगार पूजा देर रात तक होने की शिकायतें मिलती रही हैं. इस बार प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है. अब पहले दिन से ही यह मॉनिटर किया जाएगा कि मानसरोवर से एंट्री करने के बाद श्रद्धालुओं को कितनी देर में जलार्पण का मौका मिल रहा है. उसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि मंदिर के पट किस समय बंद किया जाये. इस बार समय पर श्रृंगार पूजा और पट बंद होने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

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मेले में तीन तरह की होगी जलार्पण की व्यवस्था

आम कतार

आम श्रद्धालुओं के लिए कुमैठा से लेकर बाबा मंदिर तक विस्तृत कतारबद्ध व्यवस्था की गयी है. यह कतार पंडित शिवराम झा चौक, हनुमान मंदिर मार्ग होते हुए नेहरू पार्क, मानसरोवर किनारे बने रास्ते, क्यू कॉम्प्लेक्स, छह हॉल के स्पाइरल, ओवर ब्रिज, संस्कार मंडप से होकर गर्भगृह में बने मुख्य अरघा तक जाएगी. इस व्यवस्था में कांवरियों को भीड़ के अनुसार छह से सात घंटे का समय लग सकता है. पूरे मार्ग पर पेयजल, छांव, चिकित्सा, सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था रहेगी.

कूपन प्रणाली

जिन श्रद्धालुओं के पास छह सौ रुपये का कूपन होगा, उन्हें विशेष व्यवस्था दी जायेगी. इन्हें नाथबाड़ी से प्रवेश दिया जायेगा और पश्चिम द्वार के बगल की गली से होते हुए सुविधा केंद्र ले जाया जायेगा. वहां से कूपन स्कैन कराकर भवन के पीछे बने होल्डिंग प्वाइंट से स्पाइरल पथ से ओवर ब्रिज पार कर मंझलाखंड स्थित मुख्य अरघा तक भेजा जायेगा. इस व्यवस्था में श्रद्धालुओं को न्यूनतम 30 मिनट तथा अधिकतम डेढ़ घंटे का समय लग सकता है. भीड़ के कारण रविवार व सोमवार को कूपन की सुविधा नहीं दी जाती है.

बाह्य अरघा

बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार अथवा शीघ्रता से जलार्पण कर लौटने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के निकास द्वार के पास बाह्य अरघा लगाया गया है. इस अरघा को पाइपलाइन के माध्यम से गर्भगृह के मुख्य अरघा से जोड़ा गया है. जलार्पण करने वाले श्रद्धालु एलइडी स्क्रीन पर बाबा को जल अर्पित होते देख सकेंगे.

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