चितरा. एसपी माइंस से चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग के लिए हाइवा के साथ छह डंपरों से 21 दिनों बाद कोयले की ढुलाई चालू हो गया. सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना की पहल व जिला प्रशासन के हस्तक्षेप करने पर गत मंगलवार देर रात्रि से ट्रांसपोर्टिंग प्रारंभ हो गया. इसके बाद पुनः कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग की सड़कों पर डंपर चलती नजर आने लगी. दरअसल, नौ जुलाई से चितरा कोल माइंस से जामताड़ा रेलवे साइडिंग के लिए कोयला संप्रेषण बंद था. इसको लेकर मंगलवार देर शाम सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह, कोलियरी जीएम एके आनंद, अभिकर्ता उमेश प्रसाद चौधरी समेत अन्य अधिकारियों, ट्रासंपोर्ट प्रतिनिधियों के साथ डंपर मालिकों से कोयला ढुलाई शुरू करने के लिए कई दौर वार्ता की गयी, लेकिन डंपर मालिकों के अड़े रहने के कारण वार्ता विफल रही. सहमति नहीं बनने पर विधायक ने जामताड़ा व देवघर जिला प्रशासन से मामले में बातचीत की और सड़क पर कोयला ढुलाई के लिए सुरक्षा की मांगी. जिसके बाद देर रात विधायक के नेतृत्व में चार हाईवा में कोयला लोड कर जामताड़ा रेलवे साइडिंग के जाया गया. साथ में कोलियरी महाप्रबंधक सहित अन्य अधिकारी, सिक्योरिटी विभाग, सीआईएसएफ आदि साथ में रहे. यह भी बताया जाता है कि जामताड़ा जिला सीमा क्षेत्र में जामताड़ा पुलिस भी मौजूद थी. आंशिक विरोध के बीच कोयला चार हाईवा कोयला द्वारा रेलवे साइडिंग स्थित कोल डंप में पहुंचाया गया. वहीं, दूसरी ओर बुधवार को भी कई हाइवा के साथ बैकफुट पर आये डंपर मालिकों व चालकों ने भी डंपर लेकर खून खदान स्थित कोल डंप कोयला लोड लेने के लिए पहुंचे. इसके बाद हाइवा व डंपर में कोयला लोड कर चितरा कोलियरी से इसीएल सिक्योरिटी व सीआईएसएफ द्वारा स्कॉट करते हुए जामताड़ा पहुंचाया गया. इस संबंध में इसीएल सिक्योरिटी इंस्पेक्टर अनूप कुमार ने बताया कि जामताड़ा के उदलबनी गांव के पास लोग जमा थे. वे लोग हो हल्ला कर विरोध प्रकट कर रहे थे, लेकिन नाला डीएसपी मनोज कुमार, बिंदापाथर थाना प्रभारी विकास कुमार व जामताड़ा थाना प्रभारी तैनात रहने पर कोई कुछ नहीं कर पाए. ओर रेलवे साइडिंग डंप पर कोयला गिरा दिया गया. हाइलार्ट्स: विधायक की पहल पर 21 दिनों बाद हाईवा के साथ छह चक्का डंपर से आरंभ हुई कोयले की ढुलाई
संबंधित खबर
और खबरें