Cyber Crime: देवघर के जसीडीह थाना क्षेत्र के स्थित एक सामाजिक ट्रस्ट को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया है. अब ट्रस्ट के ट्रस्टी ने मामले को लेकर साइबर थाना में केस दर्ज करवाया है. पीड़ित ने प्राथमिकी में बेंगलुरु की एक कंपनी के चार कर्मचारियों और एक बैंक खाताधारक कंपनी को आरोपी बनाया है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मामले की तफ्तीश में जुड़ गयी है.
खाता फ्रीज होने पर हुई वारदात की जानकारी
जानकारी के अनुसार, 30 अप्रैल से एक मई के बीच ट्रस्ट के बैंक खाते से कुल 3,06,427 रुपये की राशि अवैध तरीके से फर्जी एकाउंट में ट्रांसफर कर दी गयी. ट्रस्टी का कहना है कि यह ट्रांजेक्शन पूरी तरह से फर्जी है. इसकी भनक उन्हें तब लगी जब ट्रस्ट का खाता अचानक फ्रीज कर दिया गया.
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वहीं, जब खाते को होल्ड में डालने के बाद जांच की गयी, तो पता चला कि यह साइबर ठगी का मामला है. इसके बाद उन्होंने तत्काल साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराया. साथ ही खाते से होल्ड हटाने का आग्रह भी किया.
डिजिटल सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
बता दें कि पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है. साथ ही आरोपियों की तलाश में जुट गयी है. लेकिन, इस तरह साइबर अपराध के बढ़ते मामले लोगों के लिए चिंता का सबब बन गये हैं. इन मामलों ने राज्य में डिजिटल सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं. फिलहाल, पुलिस ने पीड़ित को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जायेगा.
जैप जवान से ठगे 99 हजार रुपये
इधर, जसीडीह में ही एक जैप जवान भी साइबर अपराधियों के जाल में फंस गया. आरोपियों ने पीड़ित के बैंक खाते से लगभग 99 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली है. इस मामले में जैप जवान ने एक अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ साइबर थाना में शिकायत दर्ज करवायी है. पीड़ित ने आरोपी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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फर्जी लिंक भेजकर बनाया शिकार
इस संबंध में पीड़ित जैप जवान ने बताया कि उसका जसीडीह स्थित एसबीआई शाखा में एकाउंट है. कुछ दिनों पूर्व गिरिडीह जिले के एक व्यक्ति ने उसके मोबाइल पर एक मैसेज भेजा. जब भेजे गये टैक्स मैसेज में दिये गये लिंक को खोलकर इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ा आईडी व पासवर्ड डाला. आईडी और पासवर्ड डालते ही उसके एकाउंट से 99 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी. पीड़ित के अनुसार आरोपी ने फर्जी लिंक भेजकर उसे ठगी का शिकार बनाया है. साइबर थाना की पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है.
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