जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बस का पूरा पेपर फेल है, ऐसे में बिना अपडेट किये बसल चलाना गैर-कानूनी है. विभाग की मानें तो एक बार बस खरीदने के बाद उसे 15 साल के लिए निबंधित किया जाता है और नये नियम के अनुसार वन टाइम टैक्स जमा कराने का प्रावधान है तथा समय-समय पर फिटनेस अपडेट करने का प्रावधान है. फिटनेस सही होने पर बस को 15 साल के आगे फिर से निबंधन के लिए परमिशन देने का प्रावधान है. वहीं सरकारी विभाग में वाहनों का बीमा नहीं हाेता है.
इस संबंध में परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी की मानें, तो जिस विभाग के वाहन का पेपर फेल और उसे अपडेट कराने के लिए संबंधित परिवहन कार्यालय को सूचित नहीं किया गया है और इस बीच किसी तरह की दुर्घटना हो जाती है, तो उस अधिकारी पर भी कार्रवाई का प्रावधान है. वहीं वाहन को जब्त करने के साथ ड्राइवर पर एफआइआर करने का प्रावधान है . इसके अलावा मृतक के परिजन को आपदा प्रबंधन से दो लाख तक का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. वहीं अगर सरकार कुछ अलग से मुआवजा देती है, तो यह सरकार पर निर्भर करता है.
पहले भी जैप-5 की बस ने एक बच्चे सहित अभिभावक को मारा था धक्का
जैप-5 की जिस बस के धक्के से छात्रा की मौत हुई, उस बस से पहले भी डीएवी स्कूल के समीप दुर्घटना हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक, सात-आठ महीने पूर्व इसी बस से कास्टर टाउन डीएवी गेट के समीप एक बच्चे को पहुंचाने जा रहे अभिभावक की स्कूटी में धक्का लगा था. हालांकि उस दौरान वे लोग बाल-बाल बच गये थे. कहीं मामले की कोई शिकायत नहीं की गयी थी. आपस में ही दोनों पक्षों द्वारा मामले को सलटा लिया गया था.
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