देवघर : अक्टूबर में देवघर शहर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की 60 घंटे की छापेमारी में मिले करोड़ों रुपये के बेहिसाबी संपत्ति के मामले में इनकम टैक्स के अधिकारी ने जमीन का मूल्यांकन करने के लिए देवघर रजिस्ट्री ऑफिस से डिटेल्स लिया है. धनबाद आयकर कार्यालय (अन्वेषण यूनिट) के डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप डुंगडुंग ने देवघर रजिस्ट्री कार्यालय से वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक शहरी क्षेत्र के जमीन के दर का ब्यौरा मांगा था, जिसमें मांगा गया था कि हर वार्ड में प्रति स्क्वायर फीट जमीन किस दर से रजिस्ट्री की जा रही थी. देवघर रजिस्ट्री ऑफिस ने धनबाद आयकर कार्यालय (अन्वेषण यूनिट) के डिप्टी डायरेक्टर को देवघर शहरी क्षेत्र के जमीन की दर मुहैया करा दी है, जिसमें मुख्य रूप से झौंसागढ़ी, चांदनी चौक, नीलकंठपुर, श्यामगंज, करनीबाद, बैजनाथपुर, रामपुर, जनकपुर आदि मौजा की जमीन की सरकारी दर की सूची उपलब्ध करायी गयी है. सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग को अक्टूबर में छापेमारी के दौरान मिले जमीन डीड के मूल्यांकन से अधिक संपत्ति का पता चला है. टीम को प्राप्त जानकारी के अनुसार, जमीन की खरीद-बिक्री को सरकारी दस्तावेज में कम दिखाया गया है, जबकि लेनदेन करोड़ों में हुआ है. इस लेनदेन का कोई हिसाब सरकारी दस्तावेज में नहीं मिल रहा है, लेकिन छापेमारी में संपत्ति का आकलन अधिक पाया गया है. बताया जाता है कि आयकर विभाग जमीन के दर के अनुसार लेनदेन व अर्जित संपत्ति के आय के स्रोत की जांच करेगी. अक्टूबर में देवघर में एक आश्रम सहित कुल 11 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें नगद, जेवरात, भू-खंड, मकान, होटल व हॉस्पिटल के दस्तावेज मिले थे.
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