विधि संवाददाता, देवघर : लाइसेंसी बंदूक से गोली चला कर जख्मी करने के दोषी पाये गये पिता-पुत्र त्रिपुरारी वर्मा व अरविंद कुमार को पांच-पांच साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. यह फैसला एडीजे तीन सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में चल रहे सेशन ट्रायल की सुनवाई पूरी करने के बाद आया. साथ ही प्रत्येक दोषी को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि जख्मी हलधर दास को देय होगी. यह राशि अदा नहीं करने पर अलग से छह माह की कैद की सजा काटनी होगी. इसी कांड के एक अन्य आरोपी चंद्रशेखर सिंह को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया. सजा पाने वाले दोनाें दोषी जसीडीह थाना के सगदाहा गांव के रहने वाले हैं, जबकि रिहा हाेने वाले आरोपी बांका जिले के बैसा गांव के रहने वाले हैं. यह मुकदमा मुनेश्वर दास की शिकायत पर जसीडीह थाना में 5 जून 2011 को दर्ज हुआ था, जिसमें लाइसेंसी बंदूक से गोली चला कर जख्मी करने का आरोप लगाया गया था. दर्ज मुकदमा के अनुसार अमरूद तोड़ने को लेकर विवाद बढ़ा और लाइसेंसी बंदूक निकाल कर जान मारने की नीयत से गोली चला दी गयी थी. सजयाफ्ता त्रिपुरारी वर्मा के पुत्र अरविंद कुमार देवघर कोर्ट में अधिवक्ता हैं. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल 11 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी. अदालत ने भादवि की धारा 323, 341, 504, 326 एवं आर्म्स एक्ट की धारा 27 में दाेषी पाकर अलग-अलग सजाएं सुनायी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह व बचाव पक्ष से अधिवक्ता अशोक कुमार राय व शुकदेव महतो ने पक्ष रखा. हाइलाइट्स – एडीजे तीन राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से आया फैसला – प्रत्येक दोषियों को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया -लाइसेंसी बंदूक से गोली चलाने का लगाया गया था आरोप
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