संवाददाता, देवघर : श्रावणी मेले में बाबा बैद्यनाथ की नगरी पूरी तरह भक्ति के रंग में रंगी नजर आयी. रविवार को जलार्पण के लिए पहुंचे कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी. बाबा पर जल चढ़ाने के बाद कांवरियों में एक नयी ऊर्जा देखने को मिली. ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते श्रद्धालु मानो अपनी 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा को भूल गए हों. मंदिर परिसर ‘बोल बम’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा. दूसरी सोमवारी से पहले रविवार को बाबा मंदिर में कांवरियों का रेला लगा रहा. शाम सात बजे तक डेढ़ लाख से अधिक कांवरिये जलार्पण कर चुके थे तथा जलार्पण जारी था. वहीं दूसरी सोमवारी को प्रचंड भीड़ होने की संभावना है. बाबा धाम आने वाले कांवरियों में शिवगंगा में स्नान के बाद पूरा उत्साह बढ़ जाता है. श्रद्धा और भक्ति भाव से ओतप्रोत कांवरिये बाबा का जलार्पण कर जब मंदिर से बाहर निकलते हैं, तो न केवल उनके चेहरे खिल उठते हैं, बल्कि वे ढोल की थाप पर नाचने लगते हैं. कांवरियों का उत्साह ऐसा कि यह मानो श्रद्धा का महोत्सव बन गया है. रविवार की सुबह से ही बाबा मंदिर के मुख्य व बाह्य अरघा में जलार्पण के लिए कांवरियों की लंबी कतारें लग गयी थी. बरमसिया चौक से लेकर बड़ा बाजार तक श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहा. इससे पहले अहले सुबह पट खुलने के बाद बाबा की प्रथम पूजा पुजारी छोटे लाल झा ने की. इसके बाद बाबा भोलेनाथ की सरदारी पूजा में विश्व शांति और भक्तों की मंगलकामना की गयी. हावड़ा कांवर संघ, कोलकाता से आये अजय जायसवाल कहते हैं कि रास्ते भर बहुत कष्ट होता है, लेकिन जैसे ही शिवगंगा में स्नान कर जलार्पण की कतार में लगते हैं, तो शरीर का सारा थकान समाप्त हो जाता है. वहीं जब बाबा को जल चढ़ा कर बाहर निकलते हैं, तो ऐसा लगता है मानो अभी घर से निकले हों. उन्होंने कहा कि यही बाबा की कृपा है जो भक्तों को विशेष ऊर्जा से भर देती है. शिवगंगा घाट पर रविवार की सुबह से ही भारी भीड़ रही. यहां स्नान कर जल संकल्प लेने वाले कांवरियों की लंबी कतार बाबा मंदिर की ओर बढ़ रही थी. प्रशासन की ओर से रविवार को पहले से तय व्यवस्था के अनुसार बाबा मंदिर में शीघ्रदर्शनम कूपन की व्यवस्था बंद रही. वहीं सोमवार को भी कूपन व्यवस्था बंद रहेगी. जलार्पण की व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन, मंदिर प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार सक्रिय हैं.
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