प्रमुख संवाददाता, देवघर . मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में इंडियन बैंक साप्तर और इंडियन बैंक जियाखाड़ा से फर्जी दस्तावेज व फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से अवैध निकासी की गयी. इसका खुलासा होने के बाद डीसी के निर्देश पर इस मामले में संबंधित बैंक के प्रबंधकों व कर्मचारियों पर एफआइआर दर्ज कराया गया. उक्त जानकारी डीसी विशाल सागर ने दी.
डीसी ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में अनियमितता से जुड़े मामले को संज्ञान लेते हुए जिला गव्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी व संबंधित इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक की कार्यशैली पर रोष प्रकट करते हुए कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में पशुपालन विभाग के अधिकारी और संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक मौजूद थे.
क्या है मामला
मधुपुर के साप्तर और सारवां के जियाखाड़ा बैंक से हुई अवैध निकासी
देवघर. दरअसल, तीन जनवरी 2025 को इंडियन बैंक साप्तर ब्रांच के शाखा प्रबंधक को जिला पशुपालन विभाग का तथाकथित फर्जी पत्र मिला, जिसमें चूजा आपूर्तिकर्ता विष्णु कुमार गोप के खाते में सात लाभुकों के नाम से तीन लाख 41 हजार 985 रुपये ट्रांसफर करने की बात कही गयी थी. बैंक ने उक्त पत्र को सही मानकर कथित आपूर्तिकर्ता विष्णु कुमार गोप के धनबाद स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के खाते में उक्त राशि ट्रांसफर कर दी.जबकि जिला पशुपालन विभाग में विष्णु कुमार गोप के नाम से कोई आपूर्तिकर्ता ही नहीं है. इस निकासी के लगभग तीन माह बाद जिला गव्य विभाग में संबंधित लाभुक पहुंचे और गाय नहीं मिलने और पैसे निकासी की सूचना दी. जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने इसकी सूचना जिला पशुपालन विभाग को दी. डीएचओ ने जब वह पत्र देखा तो अवाक रह गये. क्योंकि पत्र में उनका साइन फर्जी था. यहीं नहीं, पत्रांक भी फर्जी डाला गया था. इसमें लेखापाल का भी फर्जी साइन था. इस खुलासे के बाद विभाग की ओर से आनन-फानन में दोनों बैंकों को अलर्ट किया गया.
॰डीसी ने योजना में अवैध निकासी व गड़बड़ी मामले में संबंधित विभाग व बैंकों के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है