संवाददाता, देवघर : बदलती जीवनशैली और असंतुलित दिनचर्या के कारण आज के समय में किसी को भी कभी भी ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग शुरुआती लक्षणों को पहचानें और समय पर चिकित्सकीय परामर्श लें, ताकि बड़ी समस्या से बचा जा सके. साथ ही ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए मादक पदार्थों से दूरी और बीपी-शुगर कंट्रोल जरूरी है. यह बात न्यूरो सर्जन डॉ ब्रजेश कुमार ने कही. गुरुवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित हेल्थ काउंसलिंग: टॉक टू डॉक्टर में प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ ब्रजेश कुमार ने ब्रेन स्ट्रोक, गर्दन की नसों की समस्या और ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया जैसी गंभीर बीमारियों पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज के समय में ब्रेन स्ट्रॉक बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. ऐसे में थोड़ा से संयम से ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है. इसके लिए लोगों को मादक पदार्थ का उपयोग नहीं करने, संतुलित आधार लेने तथा शुगर व बीपी को कंट्रोल में रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक में खून की नसें फट जाती हैं, तो कभी नस सुख जाती हैं, जिससे नस कमजोर हो जाती हैं. ऐसे लक्षण दिखे जो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. इसके अलावा गर्दन में दर्द होना, हाथ से लेकर उंगलियाें तक झुनझुनाहट होने का कारण गर्दन के नस दबने से होता है. इसे एफआरआइ और एनसीवी की जांच कर इलाज करायें. इसके अलावा उन्होंने कहा ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया (टीएन) ट्राइजेमिनल नामक नस को प्रभावित करती है. इसमें चेहरे से लेकर मस्तिष्क तक सनसनी महसूस होती है. यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है. इसका लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज करायें व दवा से पूरी तरह ठीक हाे सकता है. हेल्थ काउंसेलिंग के दौरान दर्जनों पाठकों ने फोन आये, जिन्होंने चिकित्सक से परामर्श लिया. लोगों के सवाल व डॉक्टर के परामर्श सवाल : दाहिनी ओर सर से लेकर जबड़े तक दर्द हो रहा है. दाढ़ी बनाने, मुंह धोने व ब्रश करने में भी दर्द होता है. दुर्लभ मंडल, गोड्डा जवाब : ट्राइजेमिनल न्यूरालजिया का लक्षण हैं, एमआरआइ कराकर चिकित्सक से मिले दवा से पूरी तरह ठीक हो जायेगा. सवाल : मेरे पिता की उम्र 70 वर्ष है, उनके दोनों पैर करीब ड़ेढ वर्ष से सुन्न हो गये हैं. वाकर से चलते हैं. उत्तम कुमार, गोड्डा जवाब: उनका नस दब रहा है, पैर का कौन सा नस कितना कमजोर हुआ है, या सुख गया है इसे देखना होगा. किसी चिकित्सक से मिले, फिलहाल फिजियोथैरेपी करायें. सवाल : करीब पांच साल से बायीं तरफ कमर से लेकर एड़ी तक हर रोज दर्द करता है. संजय कुमार, देवघर जवाब: आपका नस दब रहा हैं, एमआरआइ और नस के लिए एनसीवी की जांच करा कर चिकित्सक से मिलें. इसका इलाज संभव है. सवाल : मेरी सात साल की बेटी को करीब दो साल से अचानक पैर मुड़ जा रहा है, इससे चलने में परेशानी हो रहा है. रामजी महतो, महगामा जवाब : कोई नस दब तो नहीं रहा हैं, इसे देखना होगा. कभी – कभी स्पाइन में दर्द व खिंचाव और पैर के हड्डी बढ़ जाने से ऐसा होता हैं, नियमित इलाज से ठीक हो जायेगा. सवाल : मेरी उम्र 20 साल है मेरा हाथ कांपता है, कोई समान उठाने में परेशानी होती है. मो आफताब, पालोजोरी जवाब: ब्रेन का एफआरआइ करा कर चिकित्सक से संपर्क करें. आपकी उम्र कम है, अभी इलाज कराने से पूरी तरह ठीक हो जायेगा. सवाल: करीब दो साल से खाली पैर चलने पर कमर से नीचे तक दोनों पैर तक सुन्न हो जाता है, झुनझुनी होता है. परमानंद सेवक, गोड्डा जवाब: भारी सामान नहीं उठायें. हड्डी के बीच डिस्क होती हैं, कभी- कभी खिसक जाने से ऐसा होता है. कुछ जांच करायें और चिकित्सक से संपर्क करें. फिलहाल बेल्ट लगायें. सवाल: मेरी उम्र 65 साल हैं, मेरा दाहिना साइड लकवा मार दिया है. दवा चल रहा है, लेकिन अभी हर 20 से 30 मिनट में पेशाब आता है. ललीता झा, सारठ जवाब: छह से एक साल में लकवा ठीक हो जायेगा. कभी- कभी लकवा मारने पर पेशाब का एरिया को डेमेज करता है. कुछ दिन में ठीक हो जायेगा. एक बार शुगर की जांच करायें, फिजियोथैरेपी करायें और व्हील चेयर पर घुमायें. सवाल: सिर में दर्द हमेशा रहता है, कभी एक साइड तो कभी दोनों साइड़, कभी- कभी उल्टी भी होती है. नीलम राजहंस, मधुपुर जवाब: माइग्रेन की शिकायत हैं. चिकित्सक से मिलें. एक-दो जांच कराने के बाद इलाज से पूरी तरह ठीक हो जायेगा. सवाल: पढ़ाई करते हैं, तो मेरा कभी गर्दन तो कभी कमर दर्द कराता है. लगातार सात-आठ घंटे बैठे रहते हैं. प्रदीप यादव, देवघर जवाब: लगातार बैठे नहीं रहें. हर एक घंटे में उठकर 10 मिनट टहल लें. गर्दन झुका कर नहीं बैठे. सीधा बैठें. साते समय मोटा तकिया का उपयोग नहीं करें. सवाल: तीन माह पूर्व काम के दौरान दाहिने साइड सुन हो गया, झुनझुनाहट हो रहा था, चिकित्सक से दिखाने पर कहा कि ब्रेन स्ट्रोक हुआ है. क्रोलेन हेंब्रम, पाकुड़ जवाब: मादक पदार्थ का सेवन ना करें, संतुलित आहार लें, बीपी और शुगर कंट्रोल रखें, फिजियोथैरेपी करें और एमआरआइ करा कर चिकित्सक से संपर्क करें. हाइलाइट्स प्रभात खबर की टॉक टू डॉक्टर कार्यक्रम में न्यूरो सर्जन ने दिये परामर्श
संबंधित खबर
और खबरें