deoghar news : सनातन धर्म ही मूल है, मतांतरण से अन्य धर्म आये : शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी

डाबरग्राम स्थित मैहर गार्डन के सभागार में सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए तीन दिवसीय 26वां साधना व राष्ट्र रक्षा शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया. यह शिविर गोवर्धनमठ, पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित किया जा रहा है.

By NISHIDH MALVIYA | April 11, 2025 8:45 PM
an image

प्रतिनिधि, जसीडीह (देवघर) : डाबरग्राम स्थित मैहर गार्डन के सभागार में सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए तीन दिवसीय 26वां साधना व राष्ट्र रक्षा शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया. यह शिविर गोवर्धनमठ, पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित किया जा रहा है. देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों अनुयायी इस आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. शिविर दो सत्रों में आयोजित हो रहा है. प्रथम सत्र में साधना और द्वितीय सत्र में राष्ट्र रक्षा से जुड़े विचारों पर चर्चा की जा रही है. प्रवचन के दौरान शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म की महत्ता, जीवन में योग-बुद्धि-धैर्य के समन्वय और धर्म के वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. उनके दर्शन व आशीर्वाद के लिए भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया. प्रवचन के बाद भक्तों ने शंकराचार्य से धर्म संबंधित प्रश्न पूछे, जिसका उन्होंने बारी-बारी से उत्तर दिये. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म विश्व में सबसे पुराना धर्म है. कुछ व्यक्ति के अलग-अलग मतांतरण होने के कारण अन्य धर्म आया है. सभी का मूल सनातन ही है. सिद्ध कुंजिका का पाठ सभी कोई करें और चौथे अध्याय का पाठ करने पर फल अवश्य मिलेगा. मैं और मेरी माया का स्वरूप है. माया से बाहर होने के लिए माया पुत्र भगवान का ध्यान करें. बुद्धिया, बुद्धि और धैर्य का योग होना चाहिए. किसी के जीवन में बुद्धि की प्रधानता का योग होता है. धर्म का फल वैदात, वैदात का फल है योग, समाधि का फल तप्त ज्ञान है. रामचरित मानस को कुछ अल्प ज्ञानी कथावाचकों ने तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. परपंरा से जिन्होंने वैधशास्त्रों का अध्ययन नहीं किया है वो भी कथा कहते हैं. सतयुग और कलियुग के ब्राह्मण में सिर्फ रजोगुण तमोगुण का अंतर है. इन दो गुणों को छोड़ने पर आज भी सतयुग का प्रभाव दिखायी दे सकता है. गृहस्थ जीवन में घर पर पहले भगवान को स्नान कराकर ही भोग लगाकर पूजा की जा सकी है. शिविर में हिमाचल, पंचाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से अनुयायियों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर शंकराचार्य के निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पपानंद जी, प्रफुल्ल ब्रह्मचारी जी महाराज, ऋषिकेश महाराज, आनंद वाहिनी के पश्चिम बंगाल व बिहार की अध्यक्ष निभा प्रकाश, सीमा तिवारी, सुधा शर्मा, मूलचंद राठी, देवाशीष गोस्वामी, चंद्र प्रकाश जंडियाल, सुशील ठाकुर, शंभू नाथ झा, सुनील मिश्रा सहित सैकड़ों भक्त मौजूद थे. हाइलाइट्स तीन दिवसीय 26वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर की शुरुआत जसीडीह में साधना और राष्ट्र रक्षा का संगम, शंकराचार्य के सान्निध्य में शुरू हुआ तीन दिवसीय शिविर देशभर से जुटे साधक, शंकराचार्य से धर्म, योग और जीवन के प्रश्नों पर हुआ संवाद

संबंधित खबर और खबरें

यहां देवघर न्यूज़ (Deoghar News) , देवघर हिंदी समाचार (Deoghar News in Hindi), ताज़ा देवघर समाचार (Latest Deoghar Samachar), देवघर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Deoghar Politics News), देवघर एजुकेशन न्यूज़ (Deoghar Education News), देवघर मौसम न्यूज़ (Deoghar Weather News) और देवघर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version