प्रोजेक्ट का बना डीपीआर
ईस्टर्न रेलवे (Eastern Railway) के सीइओ के अनुसार, आर्थिक मायने में गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन अनुकूल हो सकता है. इस प्रोजेक्ट से रेलवे को फायदा हो सकता है. करीब 1400 करोड़ की गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन में करीब 350 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किया जायेगा. इस प्रोजेक्ट का डीपीआर बन चुका है. अब भूमि अधिग्रहण व टेंडर प्रक्रिया पूरी शुरू होगी.
सांसद ने 2019 में किया था PIL
वर्ष 2014 में जसीडीह-पीरपैंती रेल लाइन की स्वीकृति में मिली थी. इस प्रोजेक्ट में आधी राशि केंद्र और आधी राशि राज्य सरकार को देनी थी, लेकिन 60 किलोमीटर लंबी गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन का टेंडर महागामा के पास कोयला मिलने के कारण कोल इंडिया ने इसमें आपत्ति जता दी. वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के फंडिंग में असमर्थता जता दी थी. रेलवे ने इस प्रोजेक्ट राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए दी गयी राशि भी वापस कर ली. वर्ष इसके बाद वर्ष 2019 में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने हाइकोर्ट में पीआइएल दायर कर कहा था कि राज्य सरकार को इस प्रोजेक्ट में आधा पैसा देना चाहिए. करीब 3.5 वर्ष बीतने के बाद भी राज्य सरकार से आधी राशि नहीं मिलने पर गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन का नया एलाइमेंट फिक्स करते हुए सांसद ने पीएम से इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार से पूरी राशि देने का आग्रह किया.
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पीएम से गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन को पूरा करने का किया था आग्रह : गोड्डा सांसद
इस संबंध में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन को पूरा करने का आग्रह किया था. इसके बाद पीएम ने रेलवे को निर्देश दिया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मंत्रालय में लगातार मीटिंग करते रहे. झारखंड बनने के बाद यह रेल लाइन पहला प्रोजेक्ट होगा, जिसमें रेलवे पूरा पैसा देगी. इससे बड़ी आबादी को सुविधा होगी.