Shravani Mela 2023: बाबा बैद्यनाथ के अलावा देवघर के इन प्रसिद्ध स्थलों का कर सकते हैं दर्शन, देखें तस्वीरें

सावन का महीना शुरू होते ही देवघर में भगवान भोले भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है. बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जलार्पण के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. ऐसे में अगर आप देवघर आएं और यहां घूमने का प्लानिंग कर रहे हैं तो इन जगहों का भी दर्शन कर सकते हैं.

By Nutan kumari | July 4, 2023 2:19 PM
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देवघर में स्थित राज्य के प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थानों में से एक है नौलखा मंदिर. यह मुख्य मंदिर से करीब 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है. राधा कृष्ण को समर्पित इस मंदिर की ऊंचाई 146 फीट है. यह मंदिर बेलूर के राधा कृष्ण मंदिर से काफी मिलता जुलता है. इसे देखने के लिए लाखों की तदाद में सैलानियों की भीड़ उमड़ती है. इसका निर्माण 9 लाख रुपये का था, जिसके कारण इस मंदिर का नाम नौलखा मंदिर रखा गया.

नंदन पहाड़ झारखंड के देवघर जिले में एक पहाड़ी पर बना एक मनोरंजन पार्क है, जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. पहाड़ी पर शिव मंदिर और नंदी मंदिर के बीच, भगवान शिव का वाहन नंदी की एक बड़ी प्रतिमा स्थित है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नंदन पहाड़ स्थित शिव व पार्वती मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है. विशेष कर महिलाओं व बच्चें भगवान शिव की अर्चना कर मन्नतें मांगने आते हैं. नंदन पहाड़ बच्चों के लिए पार्क, बोथहाउस, भूत घर, दर्पण घर और बच्चों के लिए कई सवारी प्रदान करता है.

देवघर से 9 किमी दूर, पवित्र शिव मंदिर का घर, जिसे तपोनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां तपोवन हिल्स और गुफाएं हैं. मंदिर के अलावा, कई गुफाएं भी इस स्थान पर स्थित हैं. जिसमें से एक गुफा में एक शिव लिंगम स्थापित है. यदि आप देवघर के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको तपोनाथ महादेव मंदिर आना चाहिए.

देवघर का सत्संग आश्रम (Satsang Ashram) एक पवित्र स्थान है. जहां श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र के भक्त पूजा करने के लिए एकत्रित होते हैं. ठाकुर अंकुलचंद्र द्वारा वर्ष 1946 में स्थापित, पवित्र सत्संग आश्रम देवघर का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है. भक्त कृषि, शिक्षा, विवाह और इतिहास के चार बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर आदर्शों का पालन करते हैं. आश्रम आर्य धर्म का प्रचार करता है और इसके परिसर में एक संग्रहालय और एक चिड़ियाघर है.

बाबाधाम से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है रिखियापीठ. यहां देश-दुनिया के कोने-कोने से युवक-युवतियां और साधक आते हैं. विश्व में योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध स्वामी सत्यानंद ने इस आश्रम की स्थापना की थी. यहां का माहौल बहुत ही शांत और सुकून देने वाला है.

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