देवघर. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (नाइलिट) विश्वविद्यालय का देवघर में कॉलेज खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया गया है. बतौर अध्यक्ष संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संसदीय समिति गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्याेगिकी विभाग के सचिव एस कृष्णन को पत्र भेजकर देवघर में नाइलेट का कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. डॉ दुबे ने कहा है कि नाइलिट एक मानद विश्वविद्यालय है और इसे सूचना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार प्रौद्याेगिकी के क्षेत्र में देश के अग्रणी संस्थानों में एक के रूप मान्यता प्राप्त है. इस विश्वविद्यालय को एक एक्सीलेंस सेंटर के रूप में भी विकसित किया गया है, जो छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर विशेष ध्यान देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी निरंतर प्रगतिशील दुनिया में अपनी तकनीकी एक्सपर्ट विकसित करने व बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है. देवघर पूर्वी भारत के भौगोलिक, तकनीकी और शैक्षणिक दृष्टि से सर्वाधिक विकसित शहर है. देवघर 15 एकड़ भूमि के क्षेत्र में नाइलेट का कॉलेज के लिए उपयुक्त है. देवघर सहित आसपास का क्षेत्र व जामताड़ा साइबर अपराध का सबसे बड़ा केंद्र है. जामताड़ा में धोखाधड़ी के मामले सामने आये हैं. देवघर में नाइलेट कॉलेज खुलने से साइबर अपराध को लेकर राष्ट्रीय चिंता कम करने के साथ-साथ कानूनी सूचना प्रौद्योगिकी विकास के दायरे में लाने में मदद मिलेगी. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की शुरुआत से देवघर के स्थापित शैक्षणिक केंद्र को मदद मिलेगी, जिसमें बीआइटी मेसरा, एम्स देवघर, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया है. इन संस्थानों को नाइलेट की तकनीकी ज्ञान से काफी मदद मिलेगी. इन संस्थानों में काम करने वाले कर्मियों को नयी तकनीकी ज्ञान व स्किल बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. पिछड़े क्षेत्र में तकनीकी प्रगति होगी. सांसद डाॅ दुबे ने कहा है कि नाइलेट का कॉलेज खुलने से सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े इस क्षेत्र को तकनीकी प्रगति के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सकेगा. देवघर झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के सीमा पर है. नाइलेट कॉलेज खुलने से तीन राज्यों के छात्रों को उनके घरों के नजदीक तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी. छात्रों को तकनीकी शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना होगा.
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