अमरनाथ पोद्दार, देवघर : कांवरिया पथ पर झारखंड गेट दुम्मा प्रवेश करते ही सेवा शिविरों में कांवरियों को राहत मिल रही है. दुम्मा से दर्शनियां मोड़ तक कांवरिया पथ पर कुल 41 सेवा शिविर चल रहे हैं. इन सेवा शिविरों में शरबत, नींबू पानी, चाय, भोजन, फलाहार, विश्राम, एंबुलेंस, मालिश, मोबाइल चार्ज, अल्पाहार, मेडिकल की सुविधा कांवरियों को दी जा रही है. कांवरिया पथ झारखंड ही नहीं, बल्कि बिहार, यूपी के कई जिले से अलग-अलग समितियां सेवा शिविर लगाकर कांवरियों की सेवा में लगी हुई है. कई सेवा शिविर में पूरा परिवार कामकाज व घर छोड़कर श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हैं. महिला व बच्चे भी कांवरियों की सेवा व चलने में असमर्थ कांवरियाें की मालिश भक्ति भाव से कर रहे हैं. सामाजिक संगठन से लेकर स्वयं सेवी संस्था, साधु-संतों की संस्था सहित सरकारी व निजी कंपनियां भी कांवरियों की सेवा शिविर लगाकर कर रही है. इसमें कई ऐसे सेवा शिविर हैं जो 35 वर्षों से अधिक समय से सेवा कर रहे हैं. श्रावणी मेला के सफल संचालन में इन सेवा शिविरों की अहम भूमिका साबित हो रही है. दुम्मा में सबसे बड़े सेवा शिविर शिव भक्त मंडल में कई कांवरियों अनिवार्य रूप से विश्राम करते हैं. शिव भक्त मंडल सेवा शिविर में शेड कांवरिये 24 घंटे विश्राम कर रहे हैं, उसके बाद माता हिरणामणी देवी, ठनठनियां धर्मशाला, कलकतिया धर्मशाला, मारवाड़ी युवा मंच, नंदी बम सेवा समिति, झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसे बड़े सेवा शिविरों में कांवरियों को 24 घंटे विश्राम की भी सुविधा मिल रही है. सरकारी कंपनी में सेंट्रल कोल्ड फिल्ड द्वारा मेडिकल, विश्राम व मालिश से कांवरियों की सेवा की जा रही है. कई सेवा शिविरों में तो भजन संध्या भी किया जा रहा है, जिससे कांवरिये इन सेवा शिविरों में रुकते हैं व बाबा मंदिर में भीड़ का भी नियंत्रण होता है.
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