सारवां. प्रखंड क्षेत्र में मैथिल समुदाय में सावन के पंचमी तिथि को नवविवाहिताओं के लिए मधुश्रावणी पर्व का मंगलवार को शुभारंभ हो गया. 14 दिनों तक चलने वाली व्रत को नवविवाहिताओं द्वारा बिना नमक के नियम निष्ठा के साथ किया जायेगा व अपने पति की लंबी आयु की कामना की जायेगी. क्षेत्र के कुशमाहा, दानीपुर, लखोरिया, टीकोरायडीह, मड़वा, दासडीह, पहरीडीह आदि गांवों में मंगलवार को मधुश्रावणी व्रत का नवविवाहिताओं द्वारा शुभारंभ किया गया. मान्यता है कि मैथिल समुदाय के नवविवाहिताओं के द्वारा अमर सुहाग के लिए यह व्रत सावन माह में किया जाता है. मिथिला की परंपरा के अनुसार 14 दिन तक बिना नमक के मनाए जाने वाले इस व्रत में मैनी के पत्ते पर विभिन्न आकृतियां महादेव, माता गौरी, विषहरी, नाग देवता की पूजा की जाती है. इस अवसर पर मैना, पंचमी, विहूला, विषहरी, मंगला गौरी, पृथ्वी जन्म, समुद्र मंथन और माता सती की कथा व्रत के दौरान सुनाई जाती है. यह व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मिट्टी के बने गणेश, गौरी महादेव और विषहरी की प्रतिमा के समक्ष व्रत का समापन करेंगे.
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