मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में क्रांतिकारी व स्वतंत्रता सेनानी मंगल पाण्डेय की जयंती, क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त व सुप्रसिद्ध गीतकार गोपाल दास नीरज की स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया गया. उपस्थित लोगों ने विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौकै पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि मंगल पाण्डेय आजादी की लड़ाई के एक जुझारू, क्रांतिकारी नायक थे. उन्होंने 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और सिपाही विद्रोह के नायकत्व किये. जिसकी चिंगारी पूरे देश में फैली. जिन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने विद्रोही करार देते हुए फांसी दे दी थी. वहीं उन्होंने कहा कि बटुकेश्वर दत्त स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों में से एक थे. आजादी के इस नायक को आजादी के बाद भी अपने देश में काफी अपमानित होना पड़ा. उन्होंने कहा कि देश पर मर मिटने वाले व देश के लिए सब कुछ निक्षावर करने वाले को उपेक्षा का दंश झेलना पड़ता है और देश को लूटने व लुटाने वाले को सम्मान मिलता है. हर जगह गलत लोग ही महिमा मंडित हो रहे हैं, और सही व संघर्षशील लोग साजिश के तहत दरकिनार कर दिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गोपाल दास नीरज प्रसिद्ध गीतकार, हिन्दी साहित्य के पुरोधा व अमर दृष्टा थे. उन्होंने अपने निजी जीवन में लम्बे संघर्ष करते साहित्य जगत में एक मुकाम बनाया और अपने गीतों को फिल्म के माध्यम से जन-मानस तक पहुंचाने का काम किया. उन्हें पद्मभूषण व पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया. भला ऐसे विभूतियों को कैसे बिसराया जा सकता है , उन्हें याद करना लाजिमी है. अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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