पालोजोरी में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान

पालोजोरी के दुधानी गांव निवासी मेराज की पुलिस कस्टडी में मौत मामले की जांच करने अल्पसंख्यक आयोग की टीम पहुंची

By Sanjeet Mandal | May 23, 2025 10:49 PM
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पुलिस ने परिजनों के सामने में ही पीट कर अधमरा कर दिया था मेराज को : आयोग

पुलिस जनता की रक्षा के लिए न कि बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के लिए

मृतक की मां से वस्तुस्थिति जाना

आयोग ने उठाये सवाल :

युवक का नहीं था कोई पूर्व का आपराधिक रिकार्ड, तो क्रिमिनल की तरह क्यों ट्रीट किया ?

पालोजोरी में पुलिस कस्टडी में साइबर अपराध के आरोप में हिरासत में लिये गये युवक मेराज अंसारी की मौत मामले पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग की पांच सदस्यीय टीम शुक्रवार को पालोजोरी पहुंची. दुधानी गांव में मृतक की मां, उसकी पत्नी, गांव के मुखिया और कई घरवाले जो प्रत्यक्षदर्शी थे, से मिले व वस्तुस्थिति की जानकारी ली. आयोग के सदस्यों ने कहा कि गांव में जब मेराज को पुलिस पीट रही थी, तभी वह अधमरा हो चुका था. वहीं गांव पहुंची आयोग की टीम के समक्ष परिजन व ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कि पुलिस ने मेराज को साइबर अपराधी बताते हुए जबरन घसीटते हुए अपने साथ ले गयी. पुलिस कस्टडी में उसके साथ पुलिस ने बर्बरतापूर्वक थर्ड डिग्री टॉर्चर किया, जिससे उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि मेराज परिवार का कमाऊ सदस्य था. उसकी मौत से परिवार पूरी तरह से टूट गया है. टीम में आयोग उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू और प्रणेश सोलोमॉन, सदस्य इकरार हसन, सविता टुडू और तारिक बरकत अली शामिल थे. टीम जब गांव पहुंची, उस वक्त मेराज का शव वहां रखा हुआ था.

पूरे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, न्याय दिलायेंगे

देवघर सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस में आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू और प्रणेश सोलोमॉन ने कहा कि प्रथम द्रष्टया ये जानकारी मिली है कि युवक मेराज और उसके साथ तीन और जो पकड़े गये थे, उसका कोई आपराधिक रिकार्ड पूर्व का नहीं रहा है. फिर भी पुलिस ने क्रिमिनल की तरह ट्रीट किया. इस घटना को आयोग गंभीरता से ले रहा है. पूरे मामले की जांच चल रही है, मामले में जो भी दोषी होंगे, कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी. आयोग के एक सदस्य ने कहा कि इस मामले में सारठ और पालोजोरी थाना प्रभारी के अलावा साइबर थाना के अफसर शामिल थे, इन तीनों ने बर्बर कार्रवाई की है. उपाध्यक्ष द्वय ने कहा कि कई वीडियो क्लिप मिले हैं, गांव में कई साक्ष्य और मिले हैं, उसे भी संज्ञान में लिया गया है. युवक की मौत के कारण का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हो जायेगा. उपाध्यक्ष प्रणेश सोलोमॉन ने कहा कि मेराज के दो छोटे बेटा और एक बेटी है. अभी परिवार को न्याय दिलाने के अलावा मुआवजा में देने की जरूरत है. आयोग के सदस्य इकरार हसन ने कहा कि गांव में जब मेराज को पुलिस पीट रही थी, तभी वह अधमरा हो चुका था. अपनी गर्दन बचाने के लिए पुलिस अधमरे को लेकर गयी और बाद में जब वह मर गया तो उसे अस्पताल में पहुंचा कर छोड़ दिया. यह घटना गांव वालों और मेराज के परिजनों के सामने हुई है. प्रेस कांफ्रेंस के बाद राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले को लेकर जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और घटना के संदर्भ में पूरी रिपोर्ट ली.

आयोग के अधिकारियों ने परिजनों को न्याय दिलाने की बात कही

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