मधुपुर. प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से पूर्व में दिये गये बयान को लेकर स्थिति स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि वे बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं. कहा कि उनकी प्रेरणा से ही वे अपने सार्वजनिक जीवन में समावेशिता और सामाजिक न्याय के लिए कार्य करते हैं. धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र से ऊपर उठकर उनके द्वारा किए गये कार्य उनकी संवैधानिक निष्ठा की गवाही देते हैं. उन्होंने कहा कि संविधान उनके लिए सर्वोपरि है. उनका कोई भी कथन या कार्य कभी इसके मूल्यों के खिलाफ नहीं रहा. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा की गारंटी है हमारा संविधान. जहां संविधान देश के हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, वहीं वह सरकारों को ऐसा वातावरण बनाये रखने का निर्देश देता है, जिसमें देश के नागरिक अपनी भाषाई एवं धार्मिक पहचान को अक्षुण्ण रख सकें. देश ने केंद्रीय मंत्रियों को अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति निंदनीय-नफरती शब्दों का प्रयोग करते हुए देखा है. किसी ने अल्पसंख्यकों को खुले आम देश छोड़ने को कहा तो किसी ने मंच से गोली मारने का नारा लगवाया. मंत्री ने कहा कि हर किसी को अपने धर्म से असीमित प्रेम करने का अधिकार है, लेकिन वह प्रेम दूसरे धर्म के प्रति नफरत का रूप नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके पूर्व के बयान को गलत ढंग से भी परोसा गया. वे भरोसा दिलाते है कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप करते रहेंगे और सभी समुदायों के लिए न्याय, समानता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.
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