देवघर. झारखंड के सरकारी प्लस टू विद्यालयों में कार्यरत पीजीटी व टीजीटी शिक्षकों के हितों को लेकर झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ विभागीय नीतियों के खिलाफ गोलबंद हो गया है. मंगलवार को संघ के प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर के नेतृत्व में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधान शिक्षा सचिव व मुख्य सचिव को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. संघ की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार पीजीटी और टीजीटी पदों को मरणशील कैडर घोषित कर दी है और इसके स्थान पर माध्यमिक आचार्य की नियुक्ति के लिए झारखंड सरकारी माध्यमिक (सेकेंडरी, कक्षा 9 से 12) आचार्य, प्रधानाचार्य व शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति व सेवाशर्त नियमावली-2025 लागू की गयी है. इस नियमावली के माध्यम से वर्तमान में कार्यरत पीजीटी शिक्षकों के विद्यालय प्रधान के पद पर उनकी पदोन्नति और नियुक्ति के अवसर को समाप्त किया जा रहा है. संघ के प्रांतीय संरक्षक सुनील कुमार ने कहा कि नयी नियमावली के कारण अगले करीब 10 वर्षों तक विद्यालयों में स्थायी प्रधान की नियुक्ति नहीं हो पायेगी और स्कूल प्रभारी के भरोसे ही संचालित होंगे, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य सचिव से अपील करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप कर इसकी समीक्षा करते हुए समाधान किया जाये. प्रांतीय कोषाध्यक्ष उदय शंकर मंडल ने भी अपने विचार रखे. उक्त मांगों के अतिरिक्त संघ ने वरीय वेतनमान, स्थानांतरण, शिक्षा सेवा संवर्ग, प्रभारी को नियमित प्रधान का वेतन भुगतान सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ज्ञापन सौंपा. वहीं वरीय वेतनमान को लेकर विभाग ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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