कांवरिये क्यों कहते हैं ‘भैरो बम’?
कांवरिये भैरव मंदिर में जलार्पण कर महाकाल भैरव के चरणों में बैठकर यात्रा की सफलता के लिए मन्नत मांगते हैं. महाकाल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है. इसलिए कांवरिये यात्रा के दौरान रास्ते में कुत्तों को देखकर भैरो बम कहकर पुकारते हैं. यह परंपरा भी आस्था से जुड़ी हुई है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है.
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सभी ज्योतिर्लिंग में सबसे पहले भैरव का स्थान
कहा जाता है कि महाकाल भैरव की कृपा से ही कठिन से कठिन यात्रा भी सहज हो जाती है. बाबा मंदिर इस्टेट के पुरोहित श्रीनाथ पंडित बताते हैं कि सभी ज्योतिर्लिंग में सबसे पहले भैरव का स्थान होता है. भैरव भगवान शिव के ही रक्षक स्वरूप हैं, जो अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हैं. यही कारण है कि बाबा नगरी आने वाले श्रद्धालु भैरव मंदिर जाना नहीं भूलते.
कल 1.35 कांवरियों ने किया जलार्पण
गुरुवार को बाबा मंदिर का पट खुलने के बाद सुबह 4:15 बजे से कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कर दिया गया. पट खुलने से पहले बीएड कॉलेज तक कांवरियों की कतार पहुंच गयी थी. वहीं दोपहर 3 बजे के बाद से यह कतार जलसार चिल्ड्रेन पार्क तक सिमट गयी. 7 बजे तक मुख्य एवं बाह्य अरघा से कुल 1,35,561 कांवरियों ने जलार्पण किये. इनमें मुख्य अरघा से 98685 व बाह्य अरघा से 31843 कांवरिये शामिल हैं. वहीं 5033 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम कूपन लेकर पूजा की.
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