गुरुवार को शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि के अवसर पर बाबा मंदिर का पट तय समय पर खोला गया. पट खुलने से पहले कांवरियों की कतार पंडित शिवराम झा चौक के पास पहुंच गयी थी, जो कि तकरीबन तीन किमी लंबी थी. पट खुलने के साथ काली मंदिर में पूजा कर बाबा का पट खोला गया. बाबा मंदिर में सबसे पहले चली आ रही परंपरा के अनुसार कांचा जल पूजा की गयी. उसके बाद पुजारी ने षोडशोपचार विधि से बाबा की पूजा कर दुग्ध से अभिषेक किया. सुबह के करीब सवा चार बजे से आम कांवरियों के लिए अरघा लगाकर जलार्पण प्रारंभ कराया गया.
शिवराम झा चौक से इंट्री
मंदिर खुलने के साथ ही भक्तों को कतार में लगाने के लिए शिवराम झा चौक से दोपहर 12 बजे तक कांवरियों को इंट्री की सुविधा जारी रखी गयी. भीड़ कम होते ही कांवरियों को मानसरोवर स्थित ओवर ब्रिज से ही सीधे प्रवेश कराया गया.
सावन के दूसरे पक्ष में दो सोमवारी
मालूम हो कि 16 अगस्त की रात 12 बजे राजगीर में पुरुषोत्तम मास का झंडा उखड़ते ही अधिक मास यानी मलमास का विधिवत समापन हो गया. 17 अगस्त को संक्रांति के बाद आज, 18 अगस्त से सावन मास का दूसरा पक्ष प्रारंभ हो गया. यह 31 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ संपन्न होगा. सावन के दूसरे पक्ष में दो सोमवारी 21 व 28 अगस्त को होगी. वहीं दूसरे पक्ष में ही कई पर्व-त्योहार भी हैं. इस वजह से सावन महीने के दूसरे पक्ष में बाबा मंदिर में अप्रत्याशित भीड़ होने की संभावना जतायी गयी है.
सावन के दूसरे पक्ष में बन रहे शुभ संयोग
सावन महीने के दूसरे पक्ष में इस बार कई पर्व-त्योहार हैं, जिनमें मनसा पूजा, मधु श्रावणी, झूलन आदि दूसरे पक्ष में ही होगा. तय तिथि के अनुसार 16 अगस्त को मधु श्रवणी का संयत व 17 अगस्त से मधु श्रावणी कथा शुरू हुई और 19 अगस्त को इसका समापन होगा. 15 दिनों तक चलने वाली यह पूजा अधिक मास के कारण तीन दिन में ही संपन्न हो रही है. इसके अलावा आज, 18 अगस्त को मनसा पूजा, 21 अगस्त को नाग पंचमी व 27 अगस्त से 31 अगस्त तक झूलन पूजा होगी.
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