देवीपुर. प्रखंड क्षेत्र की फुलकरी पंचायत के पाटोपहरी गांव के लोग अब भी एक अदद सड़क को तरस रहे हैं. लोगों को दूसरे की जमीन से होकर आवागमन करना पड़ता है. वहीं, धान की खेती के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वन भूमि की पगडंडी के सहारे ही आना-जाना करते हैं. इस संबंध में ग्रामीण प्रधान श्यामसुंदर पंडित, जयदेव पंडित, सुकदेव महतो, सीताराम तूरी, कांग्रेस पंडित, सुनील पंडित, जानकी पुजहर ने बताया कि गांव आने-जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. सड़क की मांग को लेकर कई बार सांसद, विधायक, प्रशासनिक पदाधिकारी से गुहार लगा चुके हैं. पर अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जबकि आजादी के बाद कई चुनाव हुए. सांसद, विधायक व अफसर बदलते रहे, लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं यथावत है. इतना ही नहीं गावों में नाला नहीं रहने के कारण लोगों की घरों का गंदा पानी भी बीच सड़क पर बहते रहता है. उल्लेखनीय है कि पाटोपहरी से सप्ताबांध व बनगोड़ा से पाटोपहरी गांव तक लगभग तीन किलोमीटर तक सड़क नहीं है. लोगों ने सड़क बनवाने के लिए आवेदन दिया था. मगर अब तक कुछ नहीं हुआ. जानकारी हो कि 2024 लोकसभा चुनाव में उक्त गांवों में वोट का बहिष्कार किया गया था. जिला प्रशासन के काफी मान-मनौवल व आश्वासन के बाद दोपहर तीन बजे से मतदान शुरू हुआ था. पर अबतक सड़क का निर्माण नहीं हुआ. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सड़क बनवाने की मांग की है. हाइलाइर्ट्स: सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया विरोध, पाटोपहरी गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव चुनाव के समय सड़क नहीं तो वोट नहीं का ग्रामीणों ने किया था ऐलान
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