आनंद विहार-कामाख्या एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के कारण पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल में ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. बताया गया है कि कामाख्या एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद बहाली का काम अभी भी चल रहा है. इसे लेकर कुछ ट्रेनों को किऊल-गया- के रास्ते डायवर्ट किया गया. इनमें 12235 मधुपुर-आनंद विहार (टी) हमसफर एक्सप्रेस, 12332 जम्मूतवी-हावड़ा हिमगिरी एक्सप्रेस, 12306 नयी दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस, 12318 अमृतसर-कोलकाता द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस, 22198 झांसी-कोलकाता प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस शामिल हैं.
रविवार को इन ट्रेनों काे किया जायेगा नियंत्रित
15 अक्तूबर को मेगा ट्रैफिक और पावर ब्लॉक के कारण जसीडीह के रास्ते चलने वाली दो एवं गोड्डा सियालदह मेमू को नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. इनमें , 13015 हावड़ा-जमालपुर कवि गुरु एक्सप्रेस को रास्ते में 50 मिनट तक नियंत्रित किया जायेगा. 12304 नई दिल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस को रास्ते में 20 मिनट तक नियंत्रित किया जायेगा. 03112 गोड्डा-सियालदह मेमू स्पेशल रास्ते में 60 मिनट तक नियंत्रित की जायेगी.
देवघर-पटना व देवघर-झाझा इएमयू का परिचालन शुरू
शुक्रवार से देवघर स्टेशन से दो ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ. सुबह में देवघर-पटना इएमयू ट्रेन को सांसद डॉ निशिकांत दुबे व विधायक नारायण दास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जबकि शाम में देवघर-झाझा इएमयू ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. देवघर स्टेशन में सादे समारोह में सबसे पहले बक्सर में हुए रेल हादसे को लेकर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी, उसके बाद 6:50 बजे देवघर से पटना के लिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. सांसद डॉ दुबे ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बक्सर में रेल हादसे की वजह से इस उद्घाटन समारोह को रद्द करना था, लेकिन दुर्गा पूजा सहित अन्य त्योहार में आम लोगों की सुविधा को देखते हुए इस ट्रेन का परिचालन शुरू करना पड़ा. जब बैद्यनाथधाम स्टेशन से रांची इंटरसिटी को यात्रियों की आवश्यकता अनुसार 15 बोगी से बढ़ाकर 21 बोगी कर देवघर स्टेशन से परिचालन शुरू हुआ, ताे कई लोगों की आपत्ति होने लगी थी कि शहर के बीचों-बीच स्टेशन छोड़कर देवघर स्टेशन से परिचालन शुरू करना गलत हो रहा है, इससे रिक्शा व ऑटो का किराया का अतिरिक्त खर्च बढ़ जायेगा, लेकिन मेरा मानना था कि देवघर शहर भविष्य में बढ़ेगा, तो बैद्यनाथधाम स्टेशन की तरह देवघर स्टेशन भी शहर के बीच हो जायेगा. पांच वर्षों में ठीक यही हुआ. सांसद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में जिस तरह से रेलवे का विकास हुआ है, शायद किसी प्रधानमंत्री ने कार्यकाल में नहीं हुआ. पहले योजनाएं बन जाती थीं, लेकिन काम नहीं हो पाता था. देवघर-पटना इएमयू ट्रेन खुलने से मजदूर, कार्यालय में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी, शिक्षक व स्थानीय लोगों को सुविधा होगी. समय पर अब अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच पायेंगे.
जसीडीह के वैकल्पिक स्टेशन के रूप में विकसित हो रहा देवघर स्टेशन
सांसद ने कहा कि पीएम मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व रेलवे के अधिकारियों की वजह से देवघर स्टेशन धीरे-धीरे जसीडीह स्टेशन के विकल्प के रूप विकसित हो रहा है. जसीडीह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है. प्लेटफाॅर्म की क्षमता सीमित रहती है, इसलिए देवघर स्टेशन बेहतर विकल्प बनने जा रहा है. रेलवे इस इलाके की समस्या को समझते हुए देवघर, जसीडीह, मधुपुर, शंकरपुर व बैद्यनाथधाम को एक यूनिट समझा. इन पांच रेलवे स्टेशनों का इंटीग्रेटेड प्लान अगर बनेगा, तो निश्चित रूप से जनता को इसका फायदा होगा. उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड को देवघर से अगरतला की ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलाने का सुझाव मैंने दिया है. धीरे-धीरे देवघर रेलवे स्टेशन बड़े स्टेशन के तौर पर विकसित हो रहा है. देवघर स्टेशन में 24 बोगी का वाशिंग पिट छह महीने में तैयार हो जायेगा. रेलवे ने 16 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है, जिसके बाद देवघर रेलवे स्टेशन से लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि डीआरएम ने ट्विट कर इन पांच स्टेशनों के डिजाइन में सुझाव मांगें है, आम लोग इसमें सुझाव देंगे तो देवघर स्टेशन के विकास में 15 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं.
देवघर को मिली कई ट्रेनों की सौगात : विधायक
समारोह में विधायक नारायण दास ने कहा कि देवघर को कई बड़ी-बड़ी ट्रेनों की सौगात मिली है. पीएम मोदी, रेल मंत्री व सांसद डॉ निशिकांत दुबे की वजह से देवघर में कई नयी ट्रेनें मिली है. आग्रह होगा कि बैद्यनाथधाम स्टेशन से भी पूर्व की तरह गाड़ियों का परिचालन किया जाये. इस मौके पर डीआरएम चेतनानंद सिंह, सीनियर डीसीएम शंतनु चक्रवर्ती, स्टेशन प्रबंधक विभूति कुमार सहित अन्य रेलवे के अधिकारी थे.
यात्रियों ने लगाये सांसद के पक्ष में नारे
हरी झंडी दिखाने के बाद जैसे देवघर-पटना ट्रेन खुली तो यात्रा करने वाले सरकारी कर्मचारी, शिक्षक सहित छात्रों ने सांसद डॉ निशिकांत दुबे के पक्ष में नारे लगाते हुए हाथ हिलाकर रवाना हुए. यात्रियों के चेहरे में काफी खुशी थी.
बांका नेतृत्व विहीन हो गया है…
ट्रेन रवाना होने के बाद बांका के बेलहर क्षेत्र के कुछ लोग देवघर स्टेशन में सांसद डॉ निशिकांत दुबे से मिलकर कटोरिया से बेलहर, असरगंज, तारापुर, संग्रामपुर व सुल्तानगंज तक नयी रेल लाइन का काम शुरू कराने की मांग की. लोगों का कहना था कि बेलहर व तारापुर होते हुए सुल्तानगंज तक सर्वे हो चुका है, लेकिन काम चालू नहीं हो पाया. इस पर सांसद डॉ दुबे ने कहा कि पूर्व रेल राज्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निधन के बाद बांका संसदीय क्षेत्र नेतृत्व विहीन हो गया है. दिग्विजय बाबू जब तक रहे, तो बांका में तेजी से रेलवे का काम हुआ. दिग्विजय बाबू के निधन के बाद विकास का काम ठप हो गया. अब आपके सांसद रेल के विकास की दिशा में काम नहीं कर पाते हैं, बावजूद मैं इस मांग पर प्रयास करुंगा.