उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी माधवी मिश्रा ने अंचल कार्यालयों को म्यूटेशन के लिए आम लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि म्यूटेशन के लिए वास्तविक सेल डीड तथा संपत्ति पर खरीदार का पजेशन पर्याप्त है. संपत्ति का प्लॉट नंबर, खाता संख्या, मौजा सहित अन्य विवरण की जांच रजिस्ट्री के समय ही की जाती है. वह शनिवार को समाहरणालय में उच्च न्यायालय, सिविल कोर्ट, एनजीडीआरएस पोर्टल, अंचलों सहित अन्य विभागों में लंबित विभिन्न मामलों की समीक्षा कर रहीं थीं. उपायुक्त ने कहा कि हर सप्ताह के मंगलवार व शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में दूर दराज से लोग म्यूटेशन के लंबित मामले लेकर आते हैं. जबकि म्यूटेशन जैसे मामले राइट टू सर्विस में आते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन की छवि धूमिल होती है. उपायुक्त ने सक्सेशन म्यूटेशन के लिए सभी अंचलों में कैंप लगाने का निर्देश दिया. इससे जमीन विवाद के मामले कम होंगे. सीमांकन की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जनता दरबार में ऐसी शिकायत भी आती हैं कि राशि का भुगतान करने के बाद भी अमीन, जमीन की मापी करने नहीं जाते है, मापी कर लेते हैं तो उसकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं करते हैं. उन्होंने ऐसे अमीन पर कार्रवाई करने, सही फॉर्मेट में तथा मंतव्य के साथ एनजीडीआरएस पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश दिया है. उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को लोगों की शिकायत सुनने, प्रखंड एवं अंचल के कार्य में बाधा उत्पन्न करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने, वहां धरना या प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया.
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