“एक बार भी नहीं आयी बीवी-बच्चों की याद” – जवान
जवान राजेश कुमार ने कहा, “शरीर पर वर्दी चढ़ने के बाद देशभक्ति के अलावा दूसरा कुछ नहीं सूझता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच क्रॉस फायरिंग के समय एक बार भी घर तथा बीवी-बच्चों की याद नहीं आयी. केवल एक ही टारगेट था पाकिस्तान.” उन्होंने बताया कि वह जम्मू कश्मीर के आरएसपुरा में पोस्टेड हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी कंपनी को भारत-पाकिस्तान सीमा पर डिप्लॉय कर दिया गया था.
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10 मई को शुरू हुआ था क्रॉस फायर
जवान ने बताया कि बीएसएफ के पास हथियार की कमी नहीं है. भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को क्रॉस फायर शुरू हो गया था. भारत की ओर से पाकिस्तान के सीने पर पहली गोली बीएसएफ जवानों ने ही दागी थी. बीएसएफ जवानों ने पाकिस्तान के कई पोस्ट तबाह कर दिये. उससे बौखला कर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की. उसी में मैं घायल हो गया.
बीएसएफ ने तबाह किये पाकिस्तान के 41 पोस्ट
बीएसएफ ने पाकिस्तान के 41 पोस्ट को तबाह कर दिया, पाकिस्तान के बहुत ज्यादा जवान मारे गये. पाकिस्तान की तरफ बॉर्डर पर केवल एम्बुलेंस ही एम्बुलेंस दीड़ रहा था. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन देश पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. अगर पाकिस्तान समझदार होगा, तो दोबारा भारत की ओर नजर उठाने का जुर्रत नहीं करेगा.
बिहार के रहने वाले हैं जवान राजेश कुमार
जवान राजेश कुमार बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हैं. फिलहाल राजेश की पत्नी किरण देवी अपने दो बच्चों के साथ धनबाद में रहती है. गोमो में जवान राजेश कुमार का ससुराल है. इधर पति के बहादुरी पर जवान राजेश की पत्नी ने कहा, मुझे गर्व है कि मैं एक फौजी की पत्नी हूं, मेरे पति ने ऑपरेशन सिंदूर में अहम योगदान दिया है. इसका मुझे और मेरे बच्चों को आजीवन फक्र रहेगा.
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