मदर्स डे के मौके पर प्रभात खबर कार्यालय में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. परिचर्चा में कोयलांचल की माताओं का जुटान हुआ. माताओं ने कहा कि मां सिर्फ एक शब्द नहीं एहसास है, शक्ति है. अपने बच्चों की पूरी दुनिया है. मां की दुआ बच्चों को हर बुरी नजर से बचाती है. उसकी कामयाबी के लिए मन्नतों का धागा बांधती है. माताओं ने बच्चों को झोली भर-भरकर दुआओं के साथ सुझाव भी दिये. खास कर सबका यह मानना था कि आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश में बच्चों का संघर्ष बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मां की जिम्मेवारी सबसे महत्वपूर्ण होती है.
माताओं ने कहा-बच्चों में बसती है हमारी दुनिया
धरा पर मां ईश्वर की ऐसी कृति है, जो बच्चों के साथ हमेशा खड़ी रहती है. मां है तो एक शब्द, लेकिन इसमें बच्चों की पूरी दुनिया समायी हुई है. वह सिर्फ बच्चों की ही नहीं परिवार की जरूरतों को भी समझती है. मां अपने बच्चों को संस्कारों से सींचती है.
दीपाली त्रिवेदी,
सुचिता साव,
सोशल वर्कर
रूबी राज संस्कृतायन
रमा सिन्हा,
भाजपा नेत्री
रेणु सिंह,
नंदिता चौधरी,
शिक्षिकामां होना गौैरव की बात है. मां नि:स्वार्थ भाव से अपनी पूरी जिंदगी बच्चों के नाम कर देती है. जॉब करने पर सैलरी मिलती है, लेकिन मां 24 घंटे नि:शुल्क बच्चों की सेवा करती है. मां की दुआ बच्चों को कामयाब बनाती है. मां ईश्वर की अनमोल कृति है.
अंकिता बच्चन,
सारिका देवी,
गृहिणी
मीरा पांडेय,
स्मिता सिंह,
व्यवसायीमां तो बस मां होती है. अपने बच्चों के लिए त्याग समर्पण, ममता की मूर्ति होती है. बच्चों का हर सुख-दुख उसके लिए मायने रखता हैं. मां का उपकार कभी नहीं चुकाया जा सकता है. मां के प्रति सदा आदर सम्मान का भाव बच्चे रखें. ममता की कोई कीमत नहीं.
रिया गुप्ता,
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