झरिया में एक फर्जी कंपनी ने 4.18 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी कर राज्य सरकार को 52.40 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया है. आरोप संतलाल एंड एसोसिएट्स नामक कंपनी पर लगा है. राज्य-कर अन्वेषण ब्यूरो की जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने फर्जी पता और दस्तावेजों के जरिये यह धोखाधड़ी की. बुधवार को राज्य-कर अन्वेषण ब्यूरो की टीम झरिया के सोनापट्टी अमलापाड़ा पहुंची. जांच में कंपनी का कोई कार्यालय नहीं मिला, ना ही मकान मालिक या रेंट एग्रीमेंट कराने वाली कथित प्रोपराइटर शोभा देवी की कोई जानकारी मिली.
अक्तूबर 2023 में कोयला व्यापार के लिए कराया था रजिस्ट्रेशन :
राज्य-कर विभाग के अनुसार, संतलाल एंड एसोसिएट्स ने अक्तूबर 2023 में कोयला व्यापार के उद्देश्य से जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया था. प्रारंभ में कंपनी का कारोबार नगण्य था. लेकिन कुछ माह बाद अचानक करोड़ों रुपये का लेनदेन दिखाया जाने लगा. इससे विभाग को संदेह हुआ. टीम ने जब कंपनी के पते का भौतिक सत्यापन किया, तो पता गलत निकला. रेंट एग्रीमेंट के नाम पर जो दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था, वह भी जाली था. आधार कार्ड में मालिक संतलाल का पता मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) का दर्ज था.
डेढ़ साल तक चला फर्जीवाड़ा :
जांच में यह भी सामने आया है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा करीब डेढ़ साल में अंजाम दिया गया. कंपनी ने अपनी 3बी रिटर्न फाइलिंग में टैक्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आटीस) के माध्यम से समायोजित दिखाकर धोखाधड़ी की. राज्य-कर विभाग का कहना है कि संतलाल एंड एसोसिएट्स ने केवल कागजों पर कोयला की खरीद-बिक्री दिखायी और आइटीसी का लाभ उठाकर वास्तविक कर की अदायगी से बच गये. संबंधित आपूर्तिकर्ता और ग्राहक कंपनियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं, ताकि टैक्स की वसूली की जा सके. संतलास एंड एसोसिएशन का लाइसेंस सस्पेंड करने की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है.
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