देवों के देव महादेव को अति प्रिय श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. नौ अगस्त को समाप्त हो रहे सावन में चार सोमवारी पड़ रहा है. पंडित गुणानंद झा ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा नौ जुलाई को रात्रि एक बजकर 13 मिनट पर प्रवेश कर रहा है, जो 10 जुलाई को रात्रि एक बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगा. 11 जुलाई को उदया तिथि के साथ सावन शुरू हो जायेगा. सावन माह में शिव व शक्ति दोनों की आराधना की जाती है. सोमवार को महादेव व मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा सुहागिनों द्वारा की जायेगी. सावन को लेकर कोयलंचल के शिवालयों में विशेष तैयारी की जा रही है. भूईंफोड़ मंदिर, शिवशक्ति मंदिर, शक्ति मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर, भूतनाथ मंदिर मटकुरिया के अलावा अन्य मंदिरों में कहीं रूद्राभिषेक, तो कहीं भस्म शृंगार किया जायेगा. सावन में 14, 21, 28 जुलाई व चार अगस्त को सोमवारी की पूजा होगी. 15, 22, 29 जुलाई व पांच अगस्त को मंगला गौरी पर मां गौरी की पूजा कर सुहागिनें अखंड सुहाग का वरदान मांगेगी. नौ अगस्त को सावन का पूर्णिमा है. इस दिन भाई बहन के स्नेह का त्योहार रक्षा बंधन का मनाया जायेगा.
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