Dhanbad News : मन के तूफानों को गुजर जानें दें, जिंदगी है अनमोल

धनबाद में साढ़े पांच माह में 105 लोगों ने की आत्महत्या, चिंता में डाल रहीं हर माह औसतन आत्महत्या की 20 घटनाएं

By NARENDRA KUMAR SINGH | June 17, 2025 1:23 AM
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कभी हार का डर, आर्थिक तंगी, तो कभी पारिवारिक रिश्तों में कलह से परेशान लोगों को आत्महत्या जैसे कदम कभी-कभी आसान लगते हैं. लेकिन जिंदगी अनमोल है. काेई भी डर या कोई भी परेशानी जीवन से बड़ी नहीं है. धनबाद जिले में इस वर्ष के शुरुआती साढ़े पांच माह में 105 लोगों की आत्महत्या का आंकड़ा बताता है कि आज के समय में लोगों के पास धैर्य की कमी है. इस बात को समझना है होगा कि जीवन में किसी तरह की समस्या का समाधान धैर्य के साथ किया जा सकता है. बस मन में आये तूफानों को गुजर जाने दें. जिले के विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी और पुलिस रिकॉर्ड से जानकारी सामने आयी है कि अधिकतर अवसाद के मामले में आत्महत्या जैसी घटनाएं हुई हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या के सबसे अधिक मामले धनबाद, धनसार, निरसा और जोड़ापोखर थाना क्षेत्रों से सामने आये हैं. इन क्षेत्रों में लगातार आत्महत्या की घटनाएं हो रही हैं. इससे समाजशास्त्रियों, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गयी है. विशेषज्ञों के अनुसार, आत्महत्या के पीछे मुख्य कारणों में मानसिक तनाव, बेरोजगारी, पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी, नशा व अवसाद है.

आत्महत्या करने वालों में किशोर से लेकर बुजुर्ग तक :

धनसार व निरसा थाना क्षेत्र में आत्महत्या की अधिक घटनाएं

आत्महत्या के कारण

– आर्थिक समस्याएं: आर्थिक समस्याएं भी आत्महत्या का एक बड़ा कारण हैं. लोग अपने आर्थिक बोझ को सहन नहीं कर पाते और आत्महत्या का कदम उठा लेते हैं

आत्महत्या रोकने के उपाय

हाल में हुई आत्महत्या की घटनाएं

26 अप्रैल को झरिया के हैंडसम खान ने फांसी लगाकर जान दे दीसात मई को पतराकुल्ही की रिया सिन्हा ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली

12 जून को भूली आजाद नगर के चंदन शेखर ने छत से कूदकर जान दे दी. 14 जून को बलियापुर के खिलाड़ी अश्विनी कुमार केवट ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

बोले मनोचिकित्सक

बच्चों पर कठोरता और बड़ों में अकेलापन, यही आज की सबसे खतरनाक चुप्पी है, जो आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों को जन्म देती है. परिवार अगर स्नेह और संवाद से भरा हो, तो न कोई बच्चा टूटेगा और न ही कोई बुजुर्ग अकेला महसूस करेगा. आज के समय में अकेलापन ही नशे की लत को बढ़ा रहा है. लोगों को अपने परिवार से दूर नहीं जाना चाहिए. लोगों से दूरी नहीं लोगों से संबंध बनायें. इससे डिप्रेशन जैसी शिकायतें नहीं होगी.

डॉ केएन ठाकुर,

मनोचिकित्सक

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