केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पहली बार पहुंचे DGMS मुख्यालय, माइंस सेफ्टी कार्यप्रणाली की समीक्षा
Mansukh Mandaviya: श्रम, रोजगार, खेल व युवा मामले के केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया शुक्रवार को पहली बार खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि खनन कार्यों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य व निर्धारित वेतन मुहैया कराना प्राथमिकता है. डीजीएमएस के अधिकारियों के साथ उन्होंने माइंस सेफ्टी की कार्यप्रणाली की समीक्षा की.
By Guru Swarup Mishra | April 18, 2025 9:44 PM
Mansukh Mandaviya: धनबाद-श्रम, रोजगार, खेल व युवा मामले के केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मांडविया शुक्रवार को पहली बार खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) मुख्यालय पहुंचे. यहां डीजीएमएस के डीजी उज्जवल ता के नेतृत्व में डीएमएस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इसके बाद डीजीएमएस की संरचना, उद्देश्यों, क्षमता निर्माण तथा परिचालन ढांचे पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्तुति दी गयी. इसके पश्चात डीजीएमएस की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने खनन क्षेत्र में व्यावसायिक सुरक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सुशासन तथा राज्य सरकारों के साथ समन्वय के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने डीजीएमएस अधिकारियों के तकनीकी उन्नयन को बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय खनन प्रौद्योगिकियों से परिचित होने का सुझाव दिया. इससे उद्योग और खदानों में कार्यरत लोगों को लाभ होगा. श्रम व खनन से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये.
श्रमिकों के लिए शुरू की गयी है आयुष्मान कार्ड की सुविधा
पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि खनन कार्यों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य व निर्धारित वेतन मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है. बैठक का उद्देश्य सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर बनाना है क्योंकि खनन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था व श्रमिक कल्याण के प्रति केंद्र सरकार गंभीर है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा शुरू की गयी है. इससे खनन श्रमिकों को बेहतर इलाज की सुविधा मुफ्त और सुलभ रूप में मिलेगी. इसके लिए सभी अस्पतालों को नोटिफाइ किया गया है.
माइंस सेफ्टी की कार्यप्रणाली का किया रिव्यू
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीजीएमएस के अधिकारियों के साथ माइंस सेफ्टी की कार्यप्रणाली का रिव्यू किया गया. श्रमिकों की मेहनत से ही आज कोयला खदानें चल रहीं हैं. उनकी सामाजिक सुरक्षा देखना भी सरकारी की जिम्मेदारी है. आयुष्मान योजन के तहत सात करोड़ से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज हो रहा है. लोगों को अब साहूकारों के पास जाने की जरूरत नहीं है. श्रमिकों के इलाज के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग में लगातार नयी-नयी तकनीक का समावेश हो रहा है. कोयले का उत्पादन भी बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए नयी-नयी इक्विपमेंट माइनिंग सेक्टर में देश व दुनिया में चालू किया गया है. उसे सर्टिफाइड करने व उसके डिटेल नॉलेज के लिए तथा अधिकारियों के कैपेसिटी बिल्डअप करने के लिए कई निर्णय लिये गये हैं. माइनिंग क्षेत्र में नयी-नयी तकनीक आ रही है. इस का उपयोग कर मजदूरों के सुरक्षा के साथ उनके बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में पहल की जा रही है. मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ संयुक्त सचिव दीपिका कच्छल समेत बड़ी संख्या में डीजीएमएस के अधिकारी उपस्थित थे.
आपातकालीन स्थितियों में बचाव को लेकर मॉक ड्रील
केंद्रीय मंत्री के समक्ष डीजीएमएस ने बचाव कार्यों का एक मॉक प्रदर्शन हुआ. इसमें आपात स्थिति में खनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों और प्रतिबद्धता को दर्शाया गया. समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ मंडाविया ने डीजीएमएस कार्यालय में पौधरोपण किया.
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