झारखंड में माइनर मिनरल्स की लीज स्वीकृति को लेकर हुई ऑडिट जांच में कई गड़बड़ियां सामने आयी है. राज्य के छह जिलों में की गयी जांच में पता चला कि जिला खनन पदाधिकारियों (डीएमओ) ने नियमों का उल्लंघन कर कई मामलों में अधूरे दस्तावेजों पर और डिफॉल्टरों को लीज स्वीकृत कर दी है. धनबाद जिले की बात करें, तो यहां दो मामलों में डिफॉल्टरों को माइनर मिनरल्स की लीज दी गयी. जबकि छह मामलों में बिना आवश्यक दस्तावेजों के ही लीज की स्वीकृति दे दी गयी. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, लीज स्वीकृति के लिए आवश्यक रैयत की सहमति, रॉयल्टी क्लियरेंस सर्टिफिकेट जैसे जरूरी दस्तावेजों की अनुपस्थिति में आवेदन को 30 दिनों के भीतर खारिज कर देना चाहिए था. लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए लीज स्वीकृत कर दी है. धनबाद सहित जिन जिलों में अनियमितताएं पायी गयीं हैं, उनमें धनबाद के अलावा साहिबगंज, चतरा, पलामू, चाईबासा व पाकुड़ शामिल है. पूरे राज्य की ऑडिट जांच में 44 ऐसे मामले सामने आये, जिनमें नियमों की अनदेखी की गयी है. यह खुलासा झारखंड इंटिग्रेटेड माइंस एंड मिनरल मैनेजमेंट सिस्टम (जेआइएमएमएस) पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों व संबंधित दस्तावेजों की जांच के आधार पर किया गया. अब देखना यह होगा कि इन अनियमितताओं के बाद कार्रवाई क्या होती है.
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