शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में मरीजों के लिए तीन माह के अंदर एमआरआइ व सीटी स्कैन सेवा शुरू हो जायेगी. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के निर्देश पर शुक्रवार को एसएनएमएमसीएच में कमियों का आकलन करने पहुंची टीम में शामिल अधिकारियों ने यह बात कही. टीम में डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन सह शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ एसके सिन्हा के अलावा पैथोलाॅजी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार व पीएसएम विभाग के सह प्राध्यापक डाॅ धनंजय कुमार शामिल थे. टीम में शामिल अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज समेत अस्पताल के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया. फैकल्टी समेत मैनपावर व अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली. साथ ही मौजूदा स्थिति से संबंधित रिपोर्ट तैयार की. बता दें कि गुरुवार को एनएमसी ने एमबीबीएस की सीट निर्धारण को लेकर आयोजित ऑनलाइन बैठक में एसएनएमएमसीएच समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध संसाधनों के साथ चिकित्सक व मैनपावर की समीक्षा की थी. राज्य के मेडिकल कॉलेज का पक्ष रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अजय कुमार सिंह भी बैठक में शामिल थे. एनएमसी ने गाइडलाइन के अनुसार सभी कमियों को दूर करने के लिए एसएनएमएमसीएच को तीन माह का वक्त दिया है. अगले सप्ताह सुपर स्पेशियालिटी में शुरू हो जायेगी कार्डियोलॉजी व नेफ्रोलॉजी ओपीडी सेवा
टीम ने पायी ये कमियां
शिक्षण के लिए शवों का अभाव :
वर्तमान में शवों की कमी के कारण एमबीबीएस छात्रों के लिए आवश्यक एमबीबीएस छात्रों के लिए कैडबरी पाठ्यक्रम प्रभावित है. एमबीबीएस आदि की पढ़ाई कर रहे छात्रों को लावारिस या दान किये गये शवों के जरिए पोस्टमार्टम और शरीर की संरचना तथा कार्यप्रणाली की जानकारी दी जाती है. नियमानुसार 10 छात्रों के बीच एक शव उपलब्ध कराया जाता है. वर्तमान में मेडिकल छात्रों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में जिला प्रशासन के सहयोग से लावारिस शव उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन जिला प्रशासन से आग्रह करेगा.
स्किल लैब का छात्रों को नहीं मिल रहा लाभ :
निरीक्षण में टीम ने पाया कि अस्पताल परिसर में मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए स्किल लैब बनकर तैयार है. कुछ आवश्यक उपकरणों के अभाव में इसमें प्रशिक्षण शुरू नहीं किया जा सका है. टीम ने आवश्यक कमियों को दूर कर स्किल लैब में मेडिकल छात्रों का प्रशिक्षण शुरू करने का निर्देश दिया.
विभिन्न विभागों का डाटा उपलब्ध नहीं :
टीम ने पाया कि विभिन्न विभागों में मरीजों को सेवा दी जा रही है, लेकिन उसका डाटा उपलब्ध नहीं है. जबकि, एनएमसी की गाइडलाइन के अनुसार मेडिकल कॉलेज में मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही सभी सेवा का डाटा ऑनलाइन होना आवश्यक है. खासकर माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री व क्लिनिकल पैथोलॉजी विभाग से संबंधित डाटा उपलब्ध नहीं है.
वर्जन
डॉ एसके सिन्हा,
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