मनोहर कुमार, धनबाद
प्रदेश नेतृत्व के कार्रवाई पर उठ रहे सवाल :
इधर प्रदेश नेतृत्व ने अपना निर्णय पलटने के पीछे यह तर्क दिया है कि राज्य के सभी प्रखंड अध्यक्षों को संगठन सृजन 2025 के तहत 100 दिन का कार्य दायित्व मंथन कार्यक्रम सौंपा गया है. इसी कारण जो भी नई नियुक्ति की गई है, उसे निरस्त किया गया है. अब लोग यहां सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रदेश अध्यक्ष को यह बात मनोनयन के पहले से मालूम नहीं था. प्रखंड अध्यक्षों को हटाने की अनुशंसा किसी जिलाध्यक्ष ने तो नहीं की थी. पहले खुद ही अनुशंसा मांगी और फिर निरस्त करने की कार्रवाई. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की इस कार्रवाई से ना सिर्फ जिलाध्यक्षों, बल्कि प्रदेश नेतृत्व की भी खूब किरकिरी हो रही है.अंडरग्राउंड हुए जिलाध्यक्ष :
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