प्रभात खबर के जागरूकता कार्यक्रम में डॉ नीतू सहाय ने बेटियों को दिए बेहतर स्वास्थ्य के टिप्स

प्रभात खबर की ओर से स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम 'स्वस्थ बेटियां, खुशहाल परिवार' का आयोजन बुधवार को गोल इंस्टीट्यूट मेमको मोड़ में किया गया. स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीतू सहाय ने बेटियों को बेहतर स्वास्थ्य के टिप्स दिए.

By Guru Swarup Mishra | March 5, 2025 11:42 PM
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धनबाद-प्रभात खबर की ओर से चलाए जा रहे स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम ‘स्वस्थ बेटियां, खुशहाल परिवार’ का आयोजन बुधवार को गोल इंस्टीट्यूट मेमको मोड़ में किया गया. इसमें स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीतू सहाय ने बेटियों को माह के खास दिनों में होनेवाली समस्याओं का निदान बताया. साथ ही सर्वाइकल कैंसर के कारण व इसे बचने के लिए वैक्सीनेशन की जानकारी दी. पीएसओडी से संबंधित बातें व एक्जॉम फीयर को मैनेज करने के भी टिप्स दिये. अपने स्वास्थ्य को लेकर बेटियां भी काफी जागरूक दिखीं. उन्होंने शांतिपूर्वक बातों को सुना और कई सवाल भी किये. कार्यक्रम में छात्राओं ने कई समस्याओं से चिकित्सक को अवगत कराया,

सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी

डॉ नीतू सहाय ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से होता है. इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है. नौ साल से 45 साल तक इसके पांच डोज लगाये जाते हैं. नौ से चौदह साल में दो, अठारह से 45 साल में तीन डोज लगते हैं. हर आठ में से एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौत होती है.

पीसीओडी के दौरान होता है हार्मोनल बदलाव


डॉ नीतू सहाय ने कहा कि वर्तमान समय में बेटियों में पीसीओडी की समस्या बढ़ती जा रही है. पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर. इस डिसऑर्डर के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं. इस कारण मोटापा, अनियमित मासिक, चेहरे पर बाल आना, सिरदर्द होना, नींद न आना, मूड स्विंग, माइग्रेन की शिकायत होती है. पीसीओडी से बचने के लिए सबसे पहले लाइफ स्टाइल में बदलाव लायें, पौष्टिक आहर लें, नियमित योग करें, तनाव व नकारात्मक विचारों से दूर रहें. सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय न रहें.

स्मार्ट फोन से बनायें दूरी, किताबों से करें दोस्ती



डॉ नीतू ने छात्राओं से कहा कि किसी भी बात को लेकर तनावग्रस्त न हों. साथ ही एक्जाम फीयर से बचें. दूसरों से अपनी तुलना न करें. सोशल साइट्स, से बचें. स्मार्ट फोन से दूरी बनायें और बुक्स से दोस्ती करें. अभी कॅरियर के बहुत विकल्प हैं. खेल में भी लड़कियां शानदार प्रदर्शन कर रहीं हैं. फैशन डिजाइनिंग, आर्किटेक्ट, म्यूजिक बेरेपिस्ट, स्पोटर्स मैनेजमेंट समेत कई विकल्प हैं. अगर कभी किसी बात को लेकर तनावग्रस्त हों, तो अपने पैरेंट्स, टीचर्स से बात करें.

हरी सब्जियां खायें


बेटियों को आयरन युक्त आहार के साथ विटामिन व मिनरल की जरूरत अधिक होती है. आयरन के लिए पालक, गुड़, खजूर, बीट, मोटा अनाज व आलू, सेब खायें, विटामिन सी के लिए नींबू हरी मिर्च व आंवला का उपयोग करें.

इनसे करें परहेज


फास्ट फूड व जंक फूड से परहेज करें. पिज्जा, बर्गर, चाउमिन, पास्ता व कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन नहीं करें. फास्ट व जंक फूड से मोटापा, अनियमित मासिक, खून की कमी, लंबाई का नहीं बढ़ना जैसी समस्या होती है.

जरूरी है बेटियों की काउंसेलिंग


इंस्टीट्यूट के निदेशक संजय आनंद ने प्रभात खबर द्वारा बेटियों के स्वास्थ्य को लेकर चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा कि बढ़ती बेटियों की काउंसेलिंग जरूरी है. चाहे वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो या शिक्षा के क्षेत्र में. उनकी कई समस्या होती है. चिकित्सक ने उपयोगी जानकारी देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया, चिकित्सक व प्रभात खबर का बहुत आभार.

प्रशंसनीय कार्यक्रम


शिक्षा प्रभारी भारती सिन्हा ने कहा कि अभी की बेटियां जागरूक हैं. अपनी समस्या शेयर करती हैं. चिकित्सक ने उनकी परेशानी जानी व उसके निराकरण की अच्छी जानकारी दी. प्रभात खबर की मुहिम सार्थक है. धन्यवाद प्रभात खबर.

जागरूक हैं बेटियां


साइंस टीचर रिचा चंद्रा ने कहा कि प्रभात खबर द्वारा बहुत ही उपयोगी अभियान चलाया जा रहा है. मौजूदा समय की बेटियां कैरियर को लेकर कांसस हैं. स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हैं.

छात्राओं को बताया गया स्टूडेंट लाइफ में कैसे मददगार है अखबार


छात्राओं को हेल्थ काउंसेलिंग से पहले अखबार की उपयोगिता बतायी गयी. उन्हें बताया गया की स्टूडेंट लाइफ में कैसे अखबार उनके लिए मददगार साबित होता है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है. शब्दकोष बढ़ता है. हर दिन नये शब्द सीखने को मिलते हैं. कॅरियर, हेल्थ संबंधी जानकारी के साथ ही रोजगार की जानकारी भी अखबार में होती है. स्थानीय खबरों के साथ देश विदेश में होनेवाली हलचल के बारे में अखबार से पता चलता है. सोशल मीडिया भटकाव भरा होता है, जबकि अखबार की खबर तथ्य परक होती है.

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