Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम के प्रबंधन अध्ययन व औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग द्वारा शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “डिजिटल टेक्नोलॉजीज फॉर बिजनेस एक्सीलेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड क्रिएटिंग विकसित भारत @2047 का शुभारंभ गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में किया गया. दो दिवसीय इस सम्मेलन में देश-विदेश से आये शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया. उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम की रूपरेखा, वक्ताओं का विवरण और सत्रों की जानकारी संयोजक प्रो रश्मि सिंह द्वारा दी गयी. इसके बाद प्रो संदीप मंडल (एचओडी, एमएसएंडआइइ) ने स्वागत भाषण दिया. मुख्य अतिथि डॉ कौंगा गोपीकृष्ण (डीएसटी, भारत सरकार) ने कहा कि डिजिटल नवाचार केवल तकनीक का सवाल नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की रीढ़ है. उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे तकनीकी समाधान के साथ-साथ समग्र दृष्टिकोण अपनायें. इसीएल व एसइसीएल के पूर्व सीएमडी और खनन प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ पीएस मिश्रा ने कहा कि “सिर्फ तकनीक काफी नहीं है, बल्कि नेतृत्व क्षमता, टीमवर्क और नवाचार संस्कृति का विकास भी जरूरी है. आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकास केवल भौतिक नहीं, बल्कि बौद्धिक और दार्शनिक भी होता है. उप-निदेशक प्रो धीरज कुमार ने कहा कि भारत ने यूपीआइ से दुनिया को नेतृत्व दिखाया है और प्रतिवर्ष 3.5 मिलियन पेटाबाइट डाटा जेनेरेट कर रहा है. सम्मेलन के पहले दिन प्रो मघेश चंद्रमौली (पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, अमेरिका) ने मेटावर्स और वर्चुअल रियलिटी, प्रो पियरे मरेशाल (फ्रांस) ने नॉन-लीनियर ऑप्टिमाइजेशन पर, प्रो संजय मिश्रा (नॉर्वे) ने एआइ आधारित वित्तीय सुरक्षा और डिजिटल संप्रभुता पर और डॉ पीएस मिश्रा ने कोयला खनन में डिजिटाइजेशन पर व्याख्यान दिया. अपराह्न सत्र में देश-विदेश के संस्थानों से चुने गये 148 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये. इनका प्रकाशन स्कोपस इंडेक्स और टेलर एंड फ्रांसिस द्वारा किया जायेगा. आइआइटी खड़गपुर की प्रो संगीता साहनी ने डिजिटल मार्केटिंग के बदलते स्वरूप पर और आइआइएम कोझीकोड के प्रो रूपेश कुमार पाटी ने डिजिटल तकनीकों और सतत विकास लक्ष्यों के आपसी संबंध पर अपने विचार साझा किया. हैदराबाद के हेशग्राफ ग्रुप के ब्लॉकचेन आर्किटेक्ट आशीष त्रिपाठी द्वारा लाइव ब्लॉकचेन डेमो, जिसने व्यापार में इसके वास्तविक उपयोग को दिखाया. सम्मेलन रविवार को भी जारी रहेगा जिसमें विशेषज्ञों के सत्र, शोध प्रस्तुतियां और डिजिटल सशक्तीकरण पर केंद्रित संवाद शामिल होंगे.
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