पांडरपाला निवासी जमीन कारोबारी शहाबुद्दीन की हत्या के लिए हर शूटर को 1.20 लाख रुपये दिये गये. बबलू, राजू अंसारी व चौधरी ने उसकी हत्या की थी. खरसावां जेल में बंद चौधरी ने शहाबुद्दीन के गले में दो गोली मारी और घटना स्थल से फरार हो गया. उक्त जानकारी रिमांड पर लिये गये अपराधियों ने पुलिस को दी. रिमांड पर लिये गये सरायकेला के बबलू ने बताया कि 2010 में वह अपने चाचा राखाल कांडेयांग व अपने चचरे भाई अजय कांडेयांग के साथ मिलकर दो लोगों की हत्या की थी. इसमें वे वर्ष 2019 में सजा काटकर बहार निकले. इसके बाद चक्रधरपुर के मो हासिम से उसके चचेरा भाई अजय ने कोर्ट आने जाने के क्रम में दोस्ती करवायी थी. हासिम ने कहा कि धनबाद में एक काम करना है. तुमको काम के बदले एक साल का पूरा खर्च देंगे. इसके बाद हासिम ने बबलू को राजू अंसारी उर्फ मोटा भाई से मिलवाया. इसके बाद राजू ने बबलू को 2024 सितंबर महीने में चौधरी से मिलवाया. इसके बाद एक अक्टूबर को हासिम बबलू, चौधरी व राजू को लेकर धनबाद आ गया. धनबाद में वासेपुर का तनवीर से मुलाकात हुई. तनवीर ने बबलू को एक कट्टा और चौधरी को एक पिस्तौल व गोली दिया. उसने बताया कि असर्फी अस्पताल के दूसरे तरफ की सड़क पर रहना. एक नाटा व लंगड़ा व्यक्ति लाल रंग के चारहिया वाहन से निकलेगा, उसे मारना है. इसके बाद हासिम और तनवीर वहीं रुक गए और राजू अंसारी, चौधरी व बबलू वहां पर शहाबुद्दीन का इंतजार करने लगे. इस बीच राजू अंसारी के पास किसी का कॉल आया और बताया कि टारगेट आ रहा है. फिर तीनों बाइक से उस जगह पर पहुंचे. बाइक राजू अंसारी चला रहा था. बीच में चौधरी और पीछे बबलू बैठा था. फिर बबलू ने देसी पिस्टल निकाल कर शहाबुद्दीन पर तान दिया. इस देख कर शहाबुद्दीन पीछे भागने लगा, बबलू जैसे ही उस पर गोली चलाना, चाहा, तो गोली नहीं चली. इसके बाद चौधरी ने दो गोली गर्दन पर मार दी.
संबंधित खबर
और खबरें