डीसी के आदेश पर सोमवार को शहर भर से साहियाएं अपने साथ 10 से अधिक गर्भवती महिलाओं व मरीजों को लेकर सदर अस्पताल पहुंची. अस्पताल प्रशासन की ओर से इनके इलाज की किसी तरह की तैयारी नहीं की गयी थी. परिणामस्वरूप सैकड़ों गर्भवती महिलाएं बिना जांच, दवा व सुविधा के अस्पताल परिसर में घंटों तक परेशान रहीं. भीड़ नियंत्रित करने के लिए भी कोई सुरक्षा या सहायता कर्मी तैनात नहीं था. इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया. गर्भवती महिला सरिता देवी ने कहा, “हम सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे रहे, लेकिन न अल्ट्रासाउंड जांच हुई और न ही खून की जांच. दवा भी नहीं मिली. रीता कुमारी ने गुस्से में कहा, “सुबह 11 बजे से इंतजार कर रहे है. अगर पहले से पता होता कि यहां कुछ भी नहीं है, तो हम आते ही नहीं.
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