झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्य में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफएलएन) को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ””मेरा विद्यालय निपुण, मैं भी निपुण”” शुरू किया है. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रारंभिक कक्षाओं में विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों में सुधार लाना है. इसको लेकर मंगलवार को जिले के सभी बीइइओ व बीपीओ के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला हुई. एडीपीओ आशीष कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों में बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान के विभिन्न घटकों पर व्यवस्थित रूप से काम करना, विद्यार्थियों के सीखने में योगदान देने वाले महत्वपूर्ण दक्षताओं पर विद्यालयों का मूल्यांकन करना, बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान के लिए दिये गए कक्षावार लक्ष्यों के संबंध में विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में वृद्धि की स्थिति का मूल्यांकन करना, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों और विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करना आदि है. एपीओ अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि कार्यक्रम के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुसार हर विद्यालय का मूल्यांकन किया जाएगा. एक से तीसरी कक्षा के बच्चों का बुनियादी साक्षरता (हिंदी और अंग्रेजी) और संख्यात्मकता पर मूल्यांकन किया जाएगा. विद्यार्थी को निपुण घोषित होने के लिए हर विषय में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे. जिन बच्चों को 75 प्रतिशत से अधिक अंक मिलेंगे, वे सीधे एफएलएन चैंपियनशिप के लिए विद्यालय स्तर पर चयनित हो जायेंगे. उन्हें ””मै भी निपुण”” का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा. मूल्यांकन प्रक्रिया में मुख्य संसाधन व्यक्ति, मास्टर प्रशिक्षक शामिल होंगे. प्रथम चरण में राज्य के 1056 विद्यालयों का मूल्यांकन होगा. मास्टर प्रशिक्षकों के विद्यालयों एवं विद्यार्थियों का मूल्यांकन होना है. अगस्त से दिसंबर तक चयनित मास्टर प्रशिक्षक अपने-अपने जिलों/प्रखंडों के विद्यालय एवं विद्यार्थियों का मूल्यांकन-सह-प्रमाणीकरण करेंगे. मूल्यांकन ऑनलाइन ऐप के माध्यम से होगा.
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