बासुकिनाथ. राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के 9वें दिन शनिवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में कांवरियों की भीड़ उमड़ी. सुबह 9 बजे मंदिर गर्भगृह गेट पर अरघा लगा दिया गया. उसके बाद करीब 12:30 बजे अरघा हटाकर पुन: स्पर्श पूजा व्यवस्था बहाल की गयी. शिव के सावन में भक्ति का अदभुत संगम सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में दिख रहा है. तीन बजे भोर से ही मंदिर प्रांगण में कांवरियों की भीड़ लगी रही. बोल बम के जयकारे से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा. सरकारी पूजा के बाद गर्भगृह का पट कांवरियों के जलार्पण हेतु खोल दिया गया. शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 90,956 कांवरियों ने जलार्पण किया. कतारबद्ध होकर महिला-पुरुष कांवरियों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप होते हुए शिवगंगा पीड़ तक पहुंच गयी थी. उमस भरी गरमी, धूप-छांव के बीच शिवभक्त कांवरिया मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ की भक्ति में पसीने से तर बतर होकर नाच-गा रहे थे. जलार्पण के बाद कांवरिया मंदिर प्रांगण में आरती कर रहे हैं. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 12,793 कांवरियों ने जलार्पण काउंटर में जल डाला. श्रद्धालुओं ने एलईडी में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन कर काउंटर पर गंगाजल अर्पित किया. काउंटर से गंगाजल पाइप लाइन द्वारा गर्भगृह में सीधे बाबा के शिवलिंग पर गिरता है.
दानपेटी से 18,43,193 रुपये मंदिर को मिले :
बासुकिनाथ मंदिर न्यास पर्षद को मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न विभिन्न स्रोतों से 1843193 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 3,64,560 रुपये नगद, मंदिर गर्भगृह गोलक से 65,740 रुपये तथा अन्य स्रोतों से 6,793 रुपये प्राप्त हुए. मंदिर गर्भगृह गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी की निगरानी में अधिकारी के समक्ष की गयी. कांवरिया प्रसाद स्वरूप सोने एवं चांदी के सिक्के की खरीददारी मंदिर कार्यालय से करते हैं. मंदिर में चढ़ावे में आनेवाले सोने एवं चांदी से सिक्के को बनाया जाता है.
4,687 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया :
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत शनिवार को अबतक का सबसे अधिक 4,687 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ का सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास समिति को 14 लाख 06 हजार 100 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत कांवरियों ने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का टोकन लिया. सिंह द्वार से श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया गया. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर सुलभ जलार्पण करते हैं. मंदिर प्रबंधन के इस व्यवस्था से कांवरिया खुश है. ज्ञात हो कि कांवरिया शीघ्रदर्शनम का टोकन अपने से कटवाते हैं और इसके लिए मंदिर के पंडा पुरोहित अपने यजमान कांवरियों को सुलभ जलार्पण हेतु टोकन लेने के लिए प्रेरित भी करते हैं.
मेला क्षेत्र में तीसरी आंख की है नजर :
मंदिर व इसके आसपास करीब 650 सीसीटीवी की मदद से अधिकारी मेला क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं. मंदिर प्रशासनिक भवन के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की मदद से मंदिर व मेला क्षेत्र की प्रत्येक गतिविधियों पर वरीय अधिकारी नजर रखे हुए है. शनिवार को एसी राजीव झा, बीडीओ कुंदन भगत, सीओ संजय कुमार कंट्रोल रूम से सीसीटीवी की मदद से मंदिर व मेला क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर बनाये रखे. अपर समाहर्ता की देख-रेख में श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ का दिनभर जलार्पण किया.
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