गोपीकांदर. खरौनी बाजार के समीप स्थित घाघर वॉटर फॉल घूमने आए पश्चिम बंगाल के नलहाटी क्षेत्र के चतरा गांव निवासी रूपांकर दत्ता का शव मंगलवार को दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया. इसके बाद परिजन शव को गांव लेकर पहुंचे, जहां मातम का माहौल छा गया। रूपांकर के घर के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा थी, और हर आंख नम थी. रूपांकर अपने परिवार का इकलौता बेटा था. उसकी एक बहन भी है. सोमवार से ही पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था. मंगलवार को जब शव गांव पहुंचा, तो मां, पिता और बहन गहरे सदमे में चले गए. चीख-पुकार के बीच माहौल बेहद गमगीन हो गया. किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि रूपांकर अब इस दुनिया में नहीं रहा. उसी दिन चतरा गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार, रूपांकर बैंकिंग की तैयारी कर रहा था और हाल ही में एक प्रतियोगी परीक्षा दी थी. परिजन आशान्वित थे कि इस वर्ष उसे नौकरी मिल जाएगी. वे उसकी शादी की तैयारी भी कर रहे थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. घटना सोमवार की है, जब चतरा गांव से दो बाइक पर चार दोस्त घाघर वॉटर फॉल घूमने आए थे. वॉटर फॉल के नीचे तिरुपतिया नदी में नहाते समय रूपांकर गहरे पानी में चला गया और डूब गया. साथियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके. लगभग 45 मिनट के बाद ग्रामीणों की मदद से उसका शव पानी से निकाला गया.
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