रानीश्वर. प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन कैंपस में स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए अलग से भवन निर्माण कार्य पर सिविल सर्जन ने रोक लगा दी है. यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण के लिए सीओ को आवेदन देकर जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. बांसकुली में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए एक दशक पहले दो मंजिला भवन तथा डॉक्टर व चिकित्सा कर्मियों के लिए अलग से तीन मंजिला भवन बनाया गया है. गाड़ी रखने के लिए गैराज व चहारदीवारी निर्माण कराया गया है. अब फिर जिला परिषद की ओर से 55 लाख रुपए की लागत से उसी कैंपस में अलग से स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए भवन निर्माण हेतु नींव खोदा जा रहा था. यहां दूसरे भवन की जरूरत ही नहीं है. पीएचसी के रहते स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित किये जाने का औचित्य ही नहीं है. हालांकि पहले पीएचसी कैंपस के ही एक कमरे में स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित किया जाता था. पर स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए पदस्थापित एएनएम सिउड़ी से आना-जाना करती थी. चर्चा यह भी है कि पीएचसी में स्वास्थ्य उपकेंद्र रहने से उन्हें प्रतिदिन आना-जाना कर ड्यूटी करनी पड़ती थी इसलिए नियमित ड्यूटी नहीं करना पड़े, इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी ने पीएचसी से सेंटर हटाकर मुरजोड़ा के किन्हीं के कमरे में कर दिया. वहां नियमित पहुंचने की जरूरत भी नहीं है. पीएचसी में जीएनएम, एएनएम, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी सहित 9 स्वास्थ्य कर्मी कार्यरत हैं. ऐसे में उसी जगह स्वास्थ्य उपकेंद्र की जरूरत ही नहीं है. उधर, आमजोड़ा में भी पीएचसी रहते हुए भी अलग से स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण कराया गया है. जबकि जयताड़ा, जयपहाड़ी, टोंगरा, धाधका आदि जगहों स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए भवन नहीं रहने पर भी वहां भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गयी है.
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