अनेदखी. शुरू में आये थे तीन मुख्यमंत्री, अब कोई झांकने तक नहीं आता
एक दशक से नहीं पड़े किसी सीएम के कदमसंवाददाता, दुमका
मिनी सचिवालय स्थापित करने का सपना अब भी दूर
दुमका में मिनी सचिवालय बनाने की अब चर्चा होनी बंद हो गयी है. तीन-चार साल पहले इसके लिए विधायक बसंत सोरेन ने आवाज उठायी थी. इसके लिए विजयपुर में जमीन चिह्नित की गयी थी, जो अभी कृषि बाजार समिति के नाम पर है. इस 20.12 एकड़ के भूखंड में से आठ एकड़ भूखंड में मॉडल कॉलेज का निर्माण हो चुका है, शेष 12.12 एकड़ जमीन अभी उपलब्ध है. जानकारी के अनुसार, दुमका में राजभवन, सीएम आवास तथा मंत्रियों के आवास, सरकारी आवासीय भवन समेत अन्य संरचनाएं बनाने का भी प्रस्ताव है. हालांकि इसके लिए अभी कोई प्रयास धरातल पर होता दिख नहीं रहा है. भवन निर्माण विभाग के वास्तुविद चयन समिति ने तीन साल पहले ही इस प्रोजेक्ट के लिए नयी दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी डीडीएफ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया था. तब विभाग के संयुक्त सचिव ओनिल क्लेमेंट ओड़ैया ने अभियंता प्रमुख व मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर जिला स्तर से चिह्नित की गयी भूमि पर कॉम्प्रिहेंसिव प्लान व डिजाइन तैयार कराने को कहा था. दोनों स्थल काे चिह्नित कर उसका ब्योरा जिलास्तर से राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करायी जा चुकी है.
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