दुमका. माकपा की वरिष्ठ नेता बृंदा कारात व राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कहा कि आज जब हम संताल हूल के गौरवपूर्ण विरासत को याद करते हैं. तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि संताल हूल और बिरसा मुंडा के उलगुलान के शानदार संघर्ष के चलते ही छोटानागपुर काश्तकारी कानून और संतालपरगना काश्तकारी कानून बना, जिसे यहां के आदिवासियों व अन्य गरीबों की जमीन का रक्षा कवच कहा जाता है. आज देश के शासक वर्ग की मदद से यहां के बड़े पूंजीपतियों द्वारा झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के आदिवासी बहुल इलाकों के प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा की लूट के लिए इन कानूनों को कमजोर करने के साथ-साथ संविधान के पांचवीं अनुसूची के तहत यहां के लोगों के लिए दिये गये संवैधानिक प्रावधानों और ग्रामसभाओं के अधिकारों को भी कमजोर कर रहा है. विरासत को याद करते हुए जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए चल रहे संघर्षों को और तेज करना होगा. मौके पर एहतेशाम अहमद, सुभाष हेंब्रम, देवी सिंह पहाड़िया, अखिलेश झा, गजेंद्र कुमार, मो मंसुर, अमरेश कुमार और महाश्वेता देवी मौजूद थे. दिशोम मांझी थान और दिशाेम जाहेर थान समिति द्वारा भी दिशोम मांझी बाबा बीनीलाल टुडू के नेतृत्व में पोखरा चौक स्थित सिदो मुर्मू-कान्हू मुर्मू के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हूल दिवस मनाया. मौके पर निलेश हांसदा, दीपक हेंब्रम, अनिल बेसरा, सुशील मरांडी, सुरेशचंद्र सोरेन, प्रेम हांसदा, सनी देओल टुडू, मोहन टुडू, रामप्रसाद हांसदा, संदीप मुर्मू आदि शामिल थे. इधर, झारखंड क्रांति सेना द्वारा 170वां हूल दिवस पर रैली निकाल कर महापुरुषों के प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और हूल संदेश दिया गया. केन्द्रीय अध्यक्ष अमर मरांडी व संगठन के संस्थापक सीमांत हांसदा ने कहा कि आज पूरा संगठन हूल के आदर्शों पर चलने का काम कर रही है. जब कभी भी आदिवासियों, झारखंडियों के ऊपर किसी भी प्रकार का अन्याय या जुल्म होता है. झारखंड क्रांति सेना हमेशा जुल्म से लड़ाई और जुलम करने वालों को सबक सिखाने का काम करती है. मौके पर लकी संतोष, डोनाल्ड, राजू हांसदा, सन्नी, अजित, लवकुश, अमित, जुनास, बिनास, अनुपलाल, बेनिसन, मुन्ना, बुलेश, रोनाल्ड आदि मौजूद थे.
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