Jharkhand Chunav: शिबू सोरेन की पोती नहीं लड़ेगी चुनाव, BJP और JMM के बीच होगा सीधा मुकाबला

Jharkhand Chunav : जामताड़ा से बीजेपी की प्रत्याशी सीता सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन अब चुनाव नहीं लड़ेगी. मंगलवार को उन्होंने जामा सीट से नामांकन पर्चा खरीदने के बाद भी उन्होंने नामांकन दाखिल नहीं किया.

By Sameer Oraon | October 30, 2024 2:14 PM
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Jharkhand Chunav, दुमका : पूर्व विधायक स्व दुर्गा सोरेन और वर्तमान में जामताड़ा से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन जामा से चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि वे बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में लगेगी. इससे यह साफ हो चला है कि यहां झामुमो की लुईस मरांडी और बीजेपी के सुरेश मुर्मू के बीच ही सीधा मुकाबला होगा. इससे पहले जयश्री सोरेन ने मंगलवार को नाजीर रसीद कटवाने और नॉमिनेशन पेपर खरीदने के बावजूद नामांकन के अंतिम समय तक वे निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय नहीं पहुंचीं.

अपराह्न तीन बजे तक टकटकी लगाये बैठे थे लोग

जयश्री के नामांकन फॉर्म खरीदे जाने के बाद जामा विधानसभा क्षेत्र को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी थी. कई लोग अपराह्न तीन बजे तक टकटकी लगाये समाहरणालय के गेट पर खड़े थे और जानना चाह रहे थे कि वे नामांकन करने पहुंचतीं है कि नहीं. उनके साथ कौन है? प्रस्तावक कौन रहता है? ऐसी नजर रखने वाले तीन बजे तक डटे रहे.

मां सीता सोरेन लगातार तीन टर्म से रही हैं विधायक

जब समय खत्म हुआ, तो लोगों को यकीन हो गया कि वे चुनाव में बगावत कर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय उतरने नहीं जा रहीं. दरअसल जयश्री के लिए यह सीट पारिवारिक रहा है. इस सीट से उनकी मां सीता सोरेन 2009, 2014 एवं 2019 में निर्वाचित होकर तीन टर्म की विधायक रही हैं, जबकि पिता स्व दुर्गा सोरेन 1995 व 2000 में दो टर्म तथा एक बार दादा शिबू सोरेन 1985 में विधायक रह चुके हैं.

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बीजेपी ने अपने पुराने प्रत्याशी पर ही जताया भरोसा

भाजपा ने यहां पर अपने पुराने प्रत्याशी सुरेश मुर्मू को ही इस बार भी मैदान में उतारा है. यहां का मुकाबला इसलिए भी रोचक हो गया है कि 1985 के बाद दो चुनाव को छोड़ दें तो आठ में से छह चुनाव में सोरेन परिवार को ही जीत मिली है. एक बार 1990 में सीट तो झामुमो के पास ही रही, तब गुरुजी सांसद बन गये थे, इसलिए उनकी जगह पर विधायक बने थे मोहरिल मुर्मू. वहीं 2005 में भाजपा के सुनील सोरेन ने यहां से जीत दर्ज की थी. उसके बाद भाजपा ने कभी वापसी नहीं की है. इस बार झामुमो में सीता सोरेन के झामुमो में न रहने पर झामुमो में दुमका की पूर्व विधायक डॉ लुईस मरांडी की न केवल इंट्री हुई, बल्कि यहां से उनको पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. इस सीट को झामुमो-भाजपा दोनों ने अपनी प्रतिष्ठा का सीट बना रखा है.

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