दुमका लोकसभा सीट पर आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाता हैं निर्णायक, झामुमो का रहा है गढ़

दुमका लोकसभा सीट झारखंड की हॉटसीट में से एक है. यह सीट झामुमो का गढ़ रहा है. लेकिन साल 2019 के चुनाव में भाजपा के सुनील सोरेन ने यहां से जीत दर्ज की थी.

By Sameer Oraon | May 29, 2024 7:20 PM
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दुमका : दुमका लोकसभा सीट झारखंड की हॉट सीट में से एक है. आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के मतदाता यहां किसी भी प्रत्याशी की जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा शिकारीपाड़ा(एसटी), जामताड़ा, दुमका(एसटी), नाला, सारठ और जामा(एसटी) आता है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने तीन सीटों (शिकारीपाड़ा, नाला, जामा) पर कब्जा जमाया था. वहीं एक सीट बीजेपी ने (दुमका) और एक सीट झाविमो सारठ व एक अन्य सीट (जामताड़ा) पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 4 विधानसभा सीट शिकारीपाड़ा, नाला, जामा और दुमका पर कब्जा जमाया था. जबकि एक सीट जामताड़ा पर कांग्रेस और बाकी बचे एक अन्य सीट भाजपा का कब्जा रहा. वहीं अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने सातवीं बार 3,35,815 (37.19%) वोट पाकर बीजेपी के उम्मीदवार सुनील सोरेन जिन्हे 2,96,785 (32.86%) वोट मिले थे, उन्हें हराया था.

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लहराया था परचम

लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में झारखंड के दुमका संसदीय सीट से बीजेपी के सुनील सोरेन ने 4,84,923 वोट लाकर शिबू सोरेन को हरा दिया. शिबू सोरेन को 4,37,333 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर एक निर्दलीय प्रत्याशी डा. श्री लाल किस्कू थे. जिन्हें 16,562 वोट मिला था.

दुमका लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

दुमका संसदीय सीट पर पहली बार साल 1957 में चुनाव हुआ. तब इस यहां से झारखंड पार्टी की देबी सोरेन ने जीत हासिल की थी. इसके बाद कांग्रेस के एस. सी. बेसरा लगातार तीन बार (1962, 1967, और 1971) में चुनाव जीतकर सांसद बने. झामुमो की इंट्री सीट पर 1980 में हुई. जब पहली बार शिबू सोरेन चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. फिर साल 1989 से लेकर 2019 तक झामुमो ने यहां से लगातार जीत दर्ज की. हालांकि, 2019 के चुनाव में झामुमो ने अपना किला गंवा दिया.

झामुमो का गढ़ माना जाता है दुमका लोकसभा सीट

दुमका लोकसभा सीट पर झामुमो का गढ़ रहा है. क्योंकि पार्टी ने इस सीट पर 1989 से 2014 तक लगातार जीत दर्ज करती आयी. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुनील सोरेन ने शिबू सोरेन को हरा दिया था. हालांकि, साल 2024 के चुनाव कई मायनों में अलग है. क्योंकि भाजपा ने अपने सांसद सुनील सोरेन का टिकट काटकर जामा विधायक सीता सोरेन को दिया. जबकि झामुमो ने भी अपना प्रत्याशी बदल दिया है. अब इस सीट से नलिन सोरेन चुनावी मैदान में है. ऐसे में इस सीट से जो भी चुनाव जीतेगा वह पहली बार संसद बनेगा.

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कितनी है दुमका लोकसभा सीट पर लोगों की साक्षरता दर

दुमका लोकसभा सीट की कुल जनसंख्या 20,59,611 है. जबकि मतदाताओं की कुल साक्षरता दर 63% है. जिनमें से 51.14% पुरुष और 48.86% महिला शामिल हैं. वहीं, लिंगानुपात 955 है.

96 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों से

दुमका लोकसभा सीट पर 93 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. व शेष 7 फीसदी मतदाता शहरी इलाकों के हैं. इस क्षेत्र के अंतर्गत 3772 गांव आते हैं. जबकि शहरों की शहरों की संख्या 7 है. वहीं, कुल घरों की संख्या 4,1085 है.

भाजपा और झामुमो के बीच रही है सीधी टक्कर

दुमका लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो पता चलता है कि भाजपा और झामुमो के बीच यहां पर सीधी टक्कर रही है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी को यहां से 47.26 फ़ीसदी वोट व झारखंड मुक्ति मोर्चा को 42.63 फीसदी वोट मिले थे. जबकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में झामुमो को 37.19 फीसदी वोट मिले थे तो बीजेपी को 32.86 फीसदी वोट मिले थे. जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाली जेवीएम को 17.51 फीसदी वोट मिला था. वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 33.52 फीसदी वोट, बीजेपी को 30.50 फीसदी और जेवीएम को 10.37 फीसदी वोट मिले थे.

इनपुट: आकांक्षा वर्मा

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