दुमका में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का शानदार शुभारंभ, देखें तस्वीरें

दुमका में जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का शुभारंभ हुआ. ग्राम प्रधान सुनीराम हांसदा ने फीता काटकर उदघाटन किया. इस दौरान कई लोग शामिल हुये. यह क्षेत्र का यह सबसे बड़ा मेला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2023 2:47 PM
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दुमका, आनंद जायसवाल : 1890 से यह मेला आयोजित हो रहा है. इस मेले में सिंगा सकवा, मदानभेरी की गूंज के बीच कटा फीता, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसपी अम्बर लकड़ा, जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा, उपाध्यक्ष सुधीर मंडल समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.

1890 में ब्रिटिश डिप्टी कमिश्नर आर कास्टेयर्स ने हिजला मेला की शुरुआत की थी. तब संताल परगना एक जिला हुआ करता था और दुमका उसका मुख्यालय था. दरअसल 1855 में हुए संताल हूल के बाद कास्टेयर्स ने संतालों से अपनी दूरी मिटाने तथा उनका विश्वास हासिल करने के मकसद से इस जनजातीय मेले की शुरुआत की थी.

यूं तो किसी भी राजकीय महोत्सव या मेले के लिए न्यौता मिलते ही मंत्री-नेता और पदाधिकारी अतिथि बनने और फीता काटने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन दुमका में लगने वाले हिजला मेले के उद्घाटन में कुछ अलग ही बात दिखती है. तीन दशक पहले तक राज्यपाल और मुख्यमंत्री इस मेले के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि हुआ करते थे. पर हिजला मेला के उद्घाटन करने के बाद राजनेताओं की सत्ता-कुर्सी से हाथ धोने के महज कुछ वाकये ने इस भ्रांति को बढ़ाया है.

दुमका में शहर से चार किमी की दूरी पर मयुराक्षी नदी के तट व हिजला पहाड़ी के पास 133 साल पहले से सप्ताहव्यापी मेला लगता आया है. क्षेत्र का यह सबसे बड़ा मेला है. मेला अब महोत्सव का रूप भी ले चुका है. दरअसल यह मेला जनजातीय समाज के सांस्कृतिक संकुल की तरह है. जिसमें सिंगा-सकवा, मांदर व मदानभेरी जैसे परंपरागत वाद्ययंत्र की गूंज तो सुनने को मिलती ही है.

झारखंडी लोक संस्कृति के अलावा अन्य प्रांतों के कलाकार भी अपनी कलाओं का प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. बदलते समय के साथ इस मेले को भव्यता प्रदान करने की कोशिशें लगातार होती रही हैं. कोरोना की वजह से दो साल यह मेला आयोजित न हो सका था. पर इस बार मेला क्षेत्र में कई आधारभूत संरचनायें विकसित हो गयी हैं, जो मेले के उत्साह को दाेगुणा करने में सहायक साबित होगा. दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने लगभग छह करोड़ के विकास योजनाओं की यहां नींव रखी थी, जिनमें से ज्यादातर काम अंतिम चरण में हैं.

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