पहली बार कब मना था JMM का स्थापना दिवस
बता दें की दुमका के एसपी कालेज में पहली बार 2 फरवरी, 1977 को झामुमो का स्थापना दिवस मनाया गया था. इसके बाद हर साल 2 फरवरी को जेएमएम का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इसमें भाग लेने के लिए न्योता देने की परंपरा अनूठी रही है. दरअसल, 1977 में संसाधनों की घोर कमी थी. पूरे संताल परगना में आवागमन की सुविधा भी नहीं थी. तब संचार तंत्र का भी कोई अता-पता नहीं होता था. ऐसे में ग्रामीणों को सूचना व न्यौता भेजने के लिए संताली परंपरा के तहत ढरुअ घुमाया जाता था. ग्रामीण हाटों में एक लंबा डंडा में हरे पत्तों को बांधकर संताल समुदाय के संदेश या निमंत्रण देने की परंपरा को ढरुअ के नाम से पुकारा जाता है.
JMM पार्टी की स्थापना का क्या था उद्देश्य
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छोटानागपुर और संताल परगना को मिलाकर अलग राज्य का गठन करना
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राज्य से महाजन प्रथा को समाप्त करना
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1978 में वन कानून के विरूद्ध जंगल काटो अभियान
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विस्थापितों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करना
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आदिवासियों के लिए कल कारखानों में भागीदारी सुनिश्चित करना
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झारखंड को पृथक राज्य बनाना
भारी संख्या में कार्यक्रम में शामिल हो युवा : बसंत सोरेन
आयोजित होने वाले जेएमएम स्थापना दिवस को लेकर दुमका विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि भारी संख्या में लोग दुमका मैदान पहुंचे और इस कार्यक्रम में शामिल हो. साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य अलग क्यों बना, लोगों को इसे समझने की जरूरत है. झारखंड राज्य के लिये किये गये संघर्षों को आज की युवा पीढ़ी को बताने की, उसे समझाने की जरूरत है.