सावन व भादो में कांवरियों को देवघर से बासुकिनाथ तक पैदल चलने में होगी परेशानी

देवघर से बासुकिनाथ एनएच 114ए रोड निर्माण धीमी गति से चल रही है. इस कारण कांवरियों को इस बार बेहतर रोड का लाभ नहीं मिल पायेगा. मिट्टी लेबलिंग काम भी पूरा नहीं हो पाया है.

By ANAND JASWAL | July 7, 2025 7:06 PM
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संकट. एनएच 114ए का कार्य अधूरा, प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था नहीं

वनवे किया गया है रूट, 32 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी करनी होगी तय

राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव शुरू होने में महज तीन दिन शेष बचे हैं. लेकिन पैदल कांवरियों के लिए मार्ग अभी तक ठीक नहीं है. सड़क पर गड्ढे हैं, जिससे पैदल चलकर देवघर से बासुकिनाथ धाम पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. पैदल चलकर बासुकिनाथ तक आनेवाले कांवरियों के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. देवघर से बासुकिनाथ एनएच 114ए रोड निर्माण धीमी गति से चल रही है. इस कारण कांवरियों को इस बार बेहतर रोड का लाभ नहीं मिल पायेगा. मिट्टी लेबलिंग काम भी पूरा नहीं हो पाया है. ऐसी परिस्थिति में श्रावणी मेला में टू लेन भी चालू करना. एनएच के लिए चुनौती बनी हुई है. पैदल कांवरियों को बासुकिनाथ आने में इस बार काफी परेशानी होगी. सावन के महीने में देवघर और बासुकिनाथधाम में भारी भीड़ होती है, जिससे पैदल चलनेवाले कांवरियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. उबड़-खाबड़ रोड में पत्थर व स्टोन चिप्स के कारण पैदल कांवरियों को परेशानी होगी. रोड खराब रहने के कारण प्रशासन ने इस बार देवघर से बासुकिनाथ जानेवाली बस रूट को ही बदल दिया है. पुलिस निरीक्षक श्यामानंद मंडल ने बताया कि यात्री वाहन देवघर से चौपा मोड़ मोहनपुर के रास्ते से हंसडीहा-नोनीहाट होते हुए बासुकिनाथ तक पहुंचेगा. देवघर से बासुकिनाथ पहुंचने में लगभग 32 किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी. करीब 76 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस बासुकिनाथ पहुंचेगी. बासुकिनाथ से देवघर तक यात्रा वाहन रूट वन वे होगा.

उबड़-खाबड़ हो गया मार्ग, पेयजल व रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं

भीड़ और खराब रास्तों के कारण कांवरियों की सुरक्षा चिंता का विषय है. देवघर से बासुकिनाथ तक सभी सोलर लाइट पोल व बिजली पोल उखड़ गये हैं. सोलर लगाये गये पोल भी उखड़ गये हैं, जिससे पैदल चलकर आनेवाले कांवरियों को रात के अंधेरे में दिक्कत होगी. सावन व भादो मास में कांवरियों को बासुकिनाथ आने में इस बार परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. देवघर से बासुकिनाथ आने का मुख्य रास्ता घोरमारा, तालझारी, सहारा, जरमुंडी बासुकिनाथ तक 45 किमी का यात्रा करना किसी यातना से कम नहीं होगी. बदहाल सड़क पर बने गड्ढे में कांवरियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. सड़क पर आये दिन ट्रकों का जाम लगा रहता है. कांवरियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. लोगों की मांग है कि दो माह तक भारी वाहनों की इंट्री पर रोक लगायी जाये. ताकि कांवरियों को परेशानी न हो.

3.5 मीटर चौड़ा होगा कांवरिया पथ

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