प्रतिनिधि, बासुकिनाथ: चरक पूजा को लेकर बासुकिनाथ में श्रद्धालु पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं. यह विशेष पर्व भगवान शिव को समर्पित है, जिसे भक्तगण सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूरी निष्ठा और उल्लास के साथ मनाते हैं. परंपरागत रूप से इस पर्व में भिक्षाटन की प्रथा निभायी जाती है. स्थानीय श्रद्धालु बासुकिनाथ के बाजार क्षेत्र में ढाक की तेज थापों के साथ भिक्षाटन करते हुए नजर आये. सोमवार को श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. उनके चेहरे पर भक्ति की आभा और कदमों में विश्वास का अडिग भाव था. चरक पूजा की रात जागरण होता है. रातभर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और सुबह होते ही एक प्राचीन परंपरा का दृश्य देखने को मिलता है. श्रद्धालु जलती हुई अग्नि पर नंगे पांव चलते हैं. यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का ज्वलंत प्रमाण है. पूरी रात शिवभक्ति में लीन रहकर श्रद्धालु प्रसाद का वितरण करते हैं और भगवान से अपने और समाज के कल्याण की प्रार्थना करते हैं. चरक पूजा न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह बासुकिनाथ क्षेत्र की जीवंत सांस्कृतिक विरासत और अनूठी आस्था का प्रतीक है.
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