संवाददाता, दुमका झारखंड की धरती पर एक नई सिने-यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. आदिवासी समाज की सशक्त महिलाओं के संघर्ष और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित स्वतंत्र फिल्म “रनरागा ” का मुहूर्त दुमका में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सम्पन्न हुआ. यह फिल्म मुंबई की फिल्मकार शिल्पा नारायण द्वारा निर्देशित और निर्मित की जा रही है. फिल्म के मुहूर्त में रांची और मुंबई से आए कलाकारों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की तकनीकी टीम और सिनेमैटोग्राफर भी उपस्थित रहे. सितंबर और अक्टूबर माह में इस फिल्म की मुख्य शूटिंग होगी, जिसके सभी दृश्य दुमका के घने जंगलों और पारंपरिक गांवों की पृष्ठभूमि में फिल्माए जायेंगे. “रनरागा ” केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि झारखंड की आदिवासी महिलाओं की अनसुनी कहानियों, उनकी जिजीविषा, परंपराओं और संघर्षों का एक जीवन्त चित्रण है. यह फिल्म उस समाज की आवाज़ बनेगी जो अब तक मुख्यधारा की सिनेमा में कम ही दिखाई दी है. निर्माता-निर्देशक शिल्पा नारायण का उद्देश्य है कि इस फिल्म के माध्यम से झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और जमीनी हकीकत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया जाए. “रनरागा ” को विभिन्न फिल्म समारोहों में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि आदिवासी समाज की असली पहचान को वैश्विक पहचान मिल सके. दुमका की धरती एक बार फिर अपने लोक-संस्कार और सौंदर्य से सजीव कहानी का साक्षी बनने जा रही है और यह शुरुआत “रनरागा ” के साथ हो चुकी है.
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